Documents After Deathकिसी प्रियजन की मृत्यु के बाद परिवार को न केवल भावनात्मक आघात झेलना पड़ता है, बल्कि कई कानूनी और प्रशासनिक जिम्मेदारियों का भी सामना करना पड़ता है। इन्हीं जिम्मेदारियों में से एक है उनके दस्तावेजों का सही तरीके से प्रबंधन करना। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल होते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि मृत्यु के बाद दस्तावेज का सही उपयोग और देखभाल कैसे करें।
आधार कार्ड: संभालकर रखना जरूरी
आधार कार्ड (Aadhaar Card) आज के समय में सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स में से एक है। इसका इस्तेमाल सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, और बैंक खातों से लेकर ईपीएफ अकाउंट तक होता है।
मृत्यु के बाद आधार कार्ड को डिएक्टिवेट करने का कोई प्रावधान नहीं है। UIDAI (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के नियमों के अनुसार, इसे न तो कैंसिल किया जा सकता है और न ही अपडेट। इस स्थिति में, परिवार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आधार कार्ड को सुरक्षित रखा जाए, ताकि इसका कोई गलत इस्तेमाल न हो सके।
पैन कार्ड: सरेंडर करना फायदेमंद
पैन कार्ड (Pan Card) मुख्य रूप से वित्तीय लेनदेन और इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के लिए इस्तेमाल होता है।
मृत्यु के बाद पैन कार्ड को सरेंडर करना जरूरी नहीं है, लेकिन यह वित्तीय मामलों को जल्दी निपटाने में मदद करता है। सरेंडर की प्रक्रिया सरल है:
अपने लोकल इनकम टैक्स ऑफिस में आवेदन जमा करें।
आवेदन के साथ डेथ सर्टिफिकेट अटैच करें।
आवेदन में मृतक का नाम और जन्मतिथि जैसी जानकारी दें।
सरेंडर के बाद, कोई भी उस पैन नंबर का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा, जिससे भविष्य में वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव होगा।
वोटर आईडी: वोटर लिस्ट से नाम हटवाना जरूरी
वोटर आईडी (Voter ID) न केवल वोटिंग के लिए, बल्कि पहचान के प्रमाण के तौर पर भी इस्तेमाल होता है। मृत्यु के बाद इसे कैंसिल करवाना आवश्यक है।
इसके लिए लोकल इलेक्शन ऑफिस में फार्म-7 जमा करना होगा।
फार्म के साथ मृतक का डेथ सर्टिफिकेट अटैच करें।
प्रक्रिया पूरी होने के बाद वोटर लिस्ट से मृतक का नाम हटा दिया जाएगा।
पासपोर्ट: सावधानीपूर्वक संभालें
पासपोर्ट मृत्यु के बाद स्वत: अमान्य हो जाता है। हालांकि, यह वेरिफिकेशन के लिए कई जगहों पर काम आ सकता है। ऐसे में परिवार को इसे सुरक्षित रखना चाहिए, ताकि इसका कोई गलत इस्तेमाल न हो सके।
ड्राइविंग लाइसेंस: नियम राज्य के अनुसार
ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) को लेकर हर राज्य के अलग-अलग नियम हैं।
केंद्र स्तर पर इसे सरेंडर करने का कोई नियम नहीं है।
अगर आप इसे सरेंडर करना चाहते हैं, तो अपने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) से संपर्क करें।
दस्तावेजों की सुरक्षा क्यों है जरूरी?
आईडी प्रूफ का उपयोग और देखभाल (ID Proof Usage and Care) न केवल कानूनी प्रक्रियाओं को आसान बनाता है, बल्कि धोखाधड़ी की संभावनाओं को भी रोकता है। जिन दस्तावेजों को सरेंडर करना संभव नहीं है, उन्हें सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है।
दूसरी ओर, जिन दस्तावेजों को सरेंडर या कैंसिल किया गया है, उनके भी प्रमाण और रसीद संभालकर रखें। भविष्य में इनकी जरूरत पड़ सकती है।
मृत्यु के बाद दस्तावेजों का प्रबंधन एक संवेदनशील, लेकिन जरूरी प्रक्रिया है। आधार कार्ड को सुरक्षित रखना, पैन कार्ड और वोटर आईडी को सरेंडर करना, और पासपोर्ट को सावधानीपूर्वक संभालना जरूरी है। सही प्रक्रिया अपनाकर न केवल भविष्य की परेशानियों से बचा जा सकता है, बल्कि परिवार को कानूनी मामलों में भी आसानी होती है।