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Politics in INDIA Bloc: लालू यादव ने यूं ही राहुल गांधी के बदले ममता बनर्जी का साथ नहीं दिया, तगड़ी है रणनीति, जानिए इनसाइड स्टोरी

Politics in INDIA Bloc: लालू यादव ने यूं ही राहुल गांधी के बदले ममता बनर्जी का साथ नहीं दिया, तगड़ी है रणनीति, जानिए इनसाइड स्टोरी

Politics in INDIA Bloc: बिहार की राजनीति में हमेशा से अपने अनोखे अंदाज और राजनीतिक सूझबूझ के लिए पहचाने जाने वाले लालू प्रसाद यादव ने इस बार बड़ा दांव खेला है। उन्होंने राहुल गांधी की बजाय ममता बनर्जी का समर्थन कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। लालू यादव की रणनीति (Lalu Yadav’s Strategy) के पीछे कई अहम कारण छिपे हैं, जो आरजेडी और कांग्रेस के बीच खींचतान को और गहराते दिख रहे हैं।

कांग्रेस से बढ़ी दूरी: क्या है असली वजह?

पिछले तीन दशकों से बिहार में कांग्रेस ने आरजेडी के साथ मिलकर राजनीति की है। लेकिन हाल ही में कांग्रेस ने अपनी “पिछलग्गू छवि” बदलने की कोशिश शुरू की है। इसका नतीजा यह हुआ कि दोनों दलों के बीच तनाव बढ़ने लगा। कांग्रेस अब बिहार में खुद को मजबूत करने की तैयारी में है और अपने चेहरे के तौर पर कन्हैया कुमार और पप्पू यादव जैसे नेताओं को सामने लाने की कोशिश कर रही है।

लालू यादव को कांग्रेस की इस रणनीति की भनक लग गई। उन्हें डर है कि अगर कन्हैया कुमार जैसे पढ़े-लिखे और तर्कसंगत वक्ता कांग्रेस का चेहरा बनते हैं, तो यह तेजस्वी यादव के लिए चुनौती बन सकता है। तेजस्वी और कन्हैया की तुलना से तेजस्वी की छवि कमजोर हो सकती है।

कन्हैया कुमार से तेजस्वी को खतरा

कन्हैया कुमार एक तर्कशील वक्ता और दो बार के संसदीय चुनाव लड़ चुके नेता हैं। जेएनयू से निकले कन्हैया की वामपंथी छवि और भाजपा विरोधी रुख उन्हें कांग्रेस में महत्वपूर्ण स्थान दिला सकता है। अगर कांग्रेस उन्हें विधानसभा चुनाव में अहम चेहरा बनाती है, तो यह तेजस्वी यादव के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

लालू यादव इस संभावना को भांपते हुए राहुल गांधी की जगह ममता बनर्जी का समर्थन कर रहे हैं। ममता का समर्थन कर लालू कांग्रेस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह आरजेडी की शर्तों पर चुनावी रणनीति तैयार करे।

पप्पू यादव भी कांग्रेस का नया हथियार

पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने हाल ही में कांग्रेस के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ाई हैं। उनकी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय यह संकेत देता है कि कांग्रेस पप्पू यादव को अपने प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल कर सकती है। तेजस्वी यादव और पप्पू यादव के बीच की अदावत किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में कांग्रेस का पप्पू यादव पर दांव लगाना, आरजेडी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस-आरजेडी के बीच खींचतान

इंडिया ब्लॉक में लालू और राहुल गांधी के बीच तनाव सिर्फ सीटों के बंटवारे तक सीमित नहीं है। कांग्रेस अब दो उप-मुख्यमंत्रियों की मांग कर रही है, जिससे आरजेडी और कांग्रेस के बीच खाई और गहरी हो गई है। कांग्रेस का यह रवैया लालू यादव को नागवार गुजर रहा है। उनका मानना है कि सीटों के बंटवारे और मुख्यमंत्री पद के दावेदार के चयन में आरजेडी को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

ममता बनर्जी का समर्थन: लालू का शातिर दांव

ममता बनर्जी को समर्थन देकर लालू यादव ने यह संकेत दिया है कि वे इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए तैयार हैं। ममता का समर्थन उन्हें कांग्रेस पर दबाव बनाने का एक और मौका देता है। ममता की आक्रामक छवि और क्षेत्रीय राजनीति में उनकी पकड़, लालू की रणनीति को और धार देती है।

आरजेडी-कांग्रेस का भविष्य: टकराव या तालमेल?

कांग्रेस और आरजेडी के बीच चल रही इस तनातनी का असर आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों पर साफ दिख सकता है। कांग्रेस जहां अपने संगठन को मजबूत करने में लगी है, वहीं लालू यादव यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आरजेडी की पकड़ कमजोर न हो।

इंडिया ब्लॉक में राजनीति (Politics in INDIA Bloc) अब सिर्फ गठबंधन तक सीमित नहीं है। यह दलों के बीच वर्चस्व की लड़ाई बनती जा रही है। लालू यादव का यह दांव उनकी शतरंज की बिसात पर एक और चाल है, जिसमें वे खुद को मजबूती से स्थापित करना चाहते हैं।


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