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What is JPC?: क्‍या है JPC, कितने सदस्‍य होते हैं और कैसे करता है काम? जानें हर सवाल का जवाब

What is JPC?: क्‍या है JPC, कितने सदस्‍य होते हैं और कैसे करता है काम? जानें हर सवाल का जवाब

What is JPC? संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) को आमतौर पर जेपीसी कहा जाता है। यह समिति संसद की विशेष शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती है और इसका गठन विशेष मसलों पर गहराई से विचार करने और जांच करने के लिए किया जाता है।

सरकार ने हाल ही में “एक देश, एक चुनाव” (One Nation, One Election) विधेयक पर विचार करने के लिए जेपीसी गठित करने का प्रस्ताव रखा है। इससे यह सवाल उठता है कि जेपीसी क्यों बनाई जाती है, यह कैसे काम करती है, और इसमें कौन-कौन सदस्य शामिल होते हैं।

जेपीसी का गठन क्यों और कैसे होता है?

जेपीसी का गठन तब किया जाता है जब किसी मसले या विधेयक का असर व्यापक और दूरगामी हो। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी विधेयक में राष्ट्रीय नीति या वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी गंभीर चिंताएं हों, तो संसद में जेपीसी गठित करने का प्रस्ताव लाया जाता है।

इस प्रक्रिया में संसद के एक सदन (लोकसभा या राज्यसभा) में प्रस्ताव पेश किया जाता है, जिसे दूसरे सदन की सहमति से मंजूरी दी जाती है। जेपीसी में शामिल होने वाले सदस्यों की संख्या का निर्धारण संसद करती है।

जेपीसी की संरचना और सदस्य संख्या

जेपीसी में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों को शामिल किया जाता है। लोकसभा के सदस्यों की संख्या राज्यसभा के सदस्यों की तुलना में दोगुनी होती है। उदाहरण के लिए, अगर जेपीसी में राज्यसभा के 5 सदस्य हैं, तो लोकसभा के 10 सदस्य होंगे। यह समिति एक एड-हॉक (अस्थायी) निकाय होती है, और इसका कार्यकाल या मियाद संबंधित मसले की जांच पूरी होने तक सीमित होती है।

जेपीसी कैसे काम करती है?

जेपीसी का मुख्य काम किसी विशेष विधेयक या मामले की जांच करना है। इसके लिए यह संबंधित दस्तावेज़, मौखिक या लिखित साक्ष्य की मांग कर सकती है।
अगर जरूरत हो तो समिति किसी व्यक्ति, संस्था, या पक्ष को बुलाकर पूछताछ कर सकती है।

अगर कोई व्यक्ति या पक्ष जेपीसी की तलब को नजरअंदाज करता है, तो इसे संसद की अवमानना माना जाता है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा, जेपीसी के अध्यक्ष का फैसला किसी भी विवादित स्थिति में अंतिम माना जाता है।

जेपीसी के कार्य का दायरा

जेपीसी द्वारा की गई जांच के निष्कर्ष गोपनीय रहते हैं। हालांकि, यदि कोई तथ्य जनहित से जुड़ा हो, तो इसे सार्वजनिक किया जा सकता है।
सरकार के पास यह अधिकार होता है कि वह जेपीसी की रिपोर्ट को रोक सके, यदि उसे लगता है कि रिपोर्ट देश या राज्य की सुरक्षा के लिए प्रतिकूल है।

जेपीसी का महत्व

जेपीसी का गठन यह सुनिश्चित करता है कि संसद के भीतर किसी भी विधेयक या मामले पर पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से विचार हो। यह प्रणाली हमारे लोकतंत्र की एक मजबूत कड़ी है, जहां जनता के हितों को सर्वोपरि रखा जाता है।


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