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Bihar Teacher Gets Maternity Leave: बिहार का पहला मर्द, जिसने दिया बच्चे को जन्म! मैटरनिटी लीव के बाद लौटे स्कूल, जानिए पूरा मामला

Bihar Teacher Gets Maternity Leave: बिहार का पहला मर्द, जिसने दिया बच्चे को जन्म! मैटरनिटी लीव के बाद लौटे स्कूल, जानिए पूरा मामला

Bihar Teacher Gets Maternity Leave: बिहार के शिक्षा विभाग से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने हर किसी को चौंका दिया है। हाजीपुर के एक पुरुष शिक्षक को मैटरनिटी लीव (Maternity Leave) मिल गई। यह सुनकर आपको हैरानी हो सकती है, लेकिन यह सच है। शिक्षा विभाग की तकनीकी गड़बड़ी ने इस घटना को जन्म दिया, जो अब चर्चा का विषय बन गई है।


Bihar Teacher Gets Maternity Leave: क्या है पूरा मामला?

यह घटना वैशाली जिले के हाजीपुर के महुआ प्रखंड के उच्च विद्यालय हसनपुर ओसती की है। यहां तैनात बीपीएससी शिक्षक जितेंद्र कुमार सिंह को विभाग ने गर्भवती (Pregnant) मानते हुए मैटरनिटी लीव दे दी।

ई-शिक्षा पोर्टल पर शिक्षक की स्थिति को “गर्भवती और छुट्टी पर” दिखाया गया। यह केवल महिला शिक्षकों के लिए दी जाने वाली सुविधा है, लेकिन इस गड़बड़ी के कारण पुरुष शिक्षक को यह अवकाश मिल गया।


पोर्टल की गड़बड़ी का असर

इस घटना ने बिहार के शिक्षा विभाग की खूब किरकिरी कराई। प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने स्वीकार किया कि यह पोर्टल की गड़बड़ी के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि इसे जल्द ही ठीक किया जाएगा।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मैटरनिटी लीव केवल महिला शिक्षकों को दी जाती है, जो गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के समय उपयोग करती हैं। लेकिन इस तकनीकी त्रुटि के चलते यह विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई।


शिक्षा विभाग की आलोचना

यह घटना बिहार शिक्षा विभाग के कामकाज पर सवाल खड़े करती है।

  • विभाग का ई-शिक्षा पोर्टल, जो कर्मचारियों की छुट्टियों और अन्य जानकारियों को संभालने के लिए बनाया गया है, में गड़बड़ी ने पूरे सिस्टम को हास्यास्पद बना दिया।
  • विभाग की इस गलती का असर केवल प्रशासन पर ही नहीं, बल्कि विभाग की छवि पर भी पड़ा है।

मैटरनिटी लीव का महत्व

मैटरनिटी लीव महिला कर्मचारियों के लिए बेहद अहम है। यह सुविधा उन्हें गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद आराम करने के लिए दी जाती है।

  • इसमें आमतौर पर 6 महीने तक की छुट्टी मिलती है।
  • इसे कानून के तहत केवल महिलाओं के लिए लागू किया गया है।

क्या सीख ले सकता है विभाग?

  1. तकनीकी सुधार:
    शिक्षा विभाग को अपने ई-शिक्षा पोर्टल को सही तरीके से प्रबंधित करना चाहिए। तकनीकी त्रुटियों को सुधारने के लिए नियमित निरीक्षण और अपडेट जरूरी हैं।
  2. डेटा सत्यापन:
    सभी कर्मचारियों के डेटा को ठीक से जांचा जाए, ताकि ऐसी गलतियां न हों।
  3. जवाबदेही:
    गलतियों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह बनाना चाहिए।

बिहार के लोगों की प्रतिक्रिया

इस मामले ने आम जनता के बीच शिक्षा विभाग का मजाक बना दिया। सोशल मीडिया पर लोग इसे “बिहार का पहला पुरुष मां” और “गुरुजी की अनोखी कहानी” जैसे नामों से पुकार रहे हैं।

हालांकि, विभाग ने अपनी गलती मानी है और जल्द ही इसे सुधारने का वादा किया है।


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