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Bihar Political Game: बिहार में फिर से होगा ‘खेला’! RJD ने बढ़ाया नीतीश की तरफ दोस्‍ती का हाथ

Bihar Political Game: बिहार में फिर से होगा 'खेला'! RJD ने बढ़ाया नीतीश की तरफ दोस्‍ती का हाथ

Bihar Political Game: बिहार की राजनीति में हमेशा हलचल और उलटफेर होते रहे हैं। राज्य की सत्ता का संतुलन बदलते समीकरणों और गठबंधनों पर टिका है। हाल ही में, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल-यूनाइटेड (JDU) को सांकेतिक रूप से यह संदेश दिया है कि अगर वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से रिश्ता तोड़ते हैं, तो राजद उनके साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है।

इस खबर ने राज्य में बिहार राजनीतिक खेल (Bihar Political Game) और राजद-नीतीश दोस्ती (RJD-JDU Alliance) जैसे चर्चाओं को फिर से हवा दे दी है।


राजनीतिक तनाव और राजद का संदेश

हाल ही में खगड़िया जिले में मीडिया से बात करते हुए राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि बिहार पहले भी कई सियासी खेलों का गवाह रह चुका है, और भविष्य में भी नए समीकरण बन सकते हैं। उन्होंने साफ किया कि राजनीति संभावनाओं का खेल है और अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सांप्रदायिक ताकतों से परेशान हैं और भाजपा से नाता तोड़ना चाहते हैं, तो राजद के साथ एक और पारी खेलने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।

भाई वीरेंद्र का यह बयान बिहार की राजनीति में नई हलचल का कारण बन गया।


राजद की प्रतिक्रिया: गठबंधन के लिए खुले दरवाजे

राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए इस बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि राजनीति में ऐसे समीकरण बदलते रहते हैं और हर स्थिति में निर्णय उसके अनुसार लिया जाता है। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अमित शाह के “नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद” करने के बयान के बावजूद भाजपा ने पहले भी उनके साथ गठबंधन किया था।

राजद नेताओं ने यह संकेत दिया है कि उनका पार्टी नेतृत्व नीतीश कुमार को सांप्रदायिक ताकतों के प्रभाव से दूर करने के लिए तैयार है।


क्या भाजपा-जदयू के बीच तनाव बढ़ रहा है?

बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए के भीतर हाल के घटनाक्रम ने भाजपा और जदयू के बीच बढ़ते तनाव को उजागर किया है। विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक हैं, और ऐसे में भाजपा-जदयू का गठबंधन सवालों के घेरे में है।

भाजपा ने जहां अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है, वहीं जदयू के नेताओं ने कई बार संकेत दिए हैं कि वे इस गठबंधन से असंतुष्ट हैं। ऐसे में राजद का यह संदेश जदयू को एक विकल्प के तौर पर देखने का मौका देता है।


गठबंधन बदलने का पुराना इतिहास

बिहार की राजनीति में गठबंधनों का बदलना कोई नई बात नहीं है। नीतीश कुमार पहले भी भाजपा और राजद दोनों के साथ सत्ता साझा कर चुके हैं। 2017 में उन्होंने राजद से नाता तोड़कर भाजपा के साथ गठबंधन किया था, जिससे राज्य में नई राजनीतिक धारा शुरू हुई थी।

लेकिन अब, राजद के इस खुले संदेश से सवाल उठने लगे हैं कि क्या बिहार में फिर से एक बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेगा।


क्या वाकई फिर से होगा ‘खेला’?

बिहार राजनीतिक खेल (Bihar Political Game) हमेशा से अप्रत्याशित रहे हैं। राजद और नीतीश कुमार की दोस्ती की संभावनाओं ने राज्य में राजनीति को नया मोड़ दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जदयू भाजपा के साथ अपने रिश्ते को बनाए रखती है या राजद के साथ फिर से नई शुरुआत करती है।

यह तय है कि बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है, और इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा।

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