Crack in the INDIA block: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ खड़ा किया गया विपक्षी दलों का गठबंधन ‘INDIA ब्लॉक’ अब मुश्किलों से घिरता नजर आ रहा है। इस गठबंधन का उद्देश्य भाजपा को हराना और विपक्षी पार्टियों को एकजुट करना था। लेकिन हाल के दिनों में इसमें पैदा हुए मतभेदों ने इसकी एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच का विवाद (Congress and AAP Conflict) इस गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने की मांग की है। वहीं, शिवसेना (UBT) के नेता संजय निरुपम का कहना है कि गठबंधन के प्रमुख दलों के बीच सहमति की कमी इसके टूटने का कारण बन सकती है।
क्यों बढ़ रही है INDIA ब्लॉक में दरार?
INDIA ब्लॉक में दरार के पीछे कई कारण हैं। इनमें सबसे बड़ा मुद्दा अलग-अलग दलों की प्राथमिकताओं और दृष्टिकोण का टकराव है।
पहला कारण ईवीएम (EVM) को लेकर उठा। कांग्रेस ईवीएम के इस्तेमाल को चुनावों से हटाने की मांग कर रही है। लेकिन अन्य दल इसे प्राथमिक मुद्दा नहीं मानते। शिवसेना ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह विवाद गठबंधन की एकता को कमजोर कर रहा है।
दूसरा बड़ा मुद्दा गौतम अदाणी से जुड़ा है। अदाणी विवाद पर कांग्रेस ने अपनी राय दी, लेकिन अन्य दलों की राय इससे मेल नहीं खाती। शिवसेना का मानना है कि इस मुद्दे पर भी कांग्रेस और AAP विवाद (Congress and AAP Conflict) और बढ़ा है।
तीसरा मुद्दा कांग्रेस पर AAP का अविश्वास है। अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर भाजपा के साथ गुप्त समझौते का आरोप लगाया। इसने न केवल गठबंधन में तनाव बढ़ाया है, बल्कि अन्य दलों के बीच भी अविश्वास का माहौल बना दिया है।
चौथा कारण नेतृत्व परिवर्तन की मांग है। गठबंधन के भीतर यह सवाल उठ रहा है कि क्या वर्तमान नेतृत्व को बदलकर ममता बनर्जी जैसे नेताओं को जिम्मेदारी दी जाए। हालांकि, इस पर सहमति नहीं बन पाई है, जिससे विवाद और गहराता जा रहा है।
गठबंधन में पार्टियों की स्थिति
INDIA ब्लॉक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), समाजवादी पार्टी (SP), आम आदमी पार्टी (AAP), डीएमके, शिवसेना (UBT) और कई अन्य पार्टियां शामिल हैं। इन सभी का उद्देश्य भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा करना है। लेकिन कांग्रेस और AAP के बीच बढ़ते मतभेद (Congress and AAP Conflict) इस उद्देश्य को कमजोर कर रहे हैं।
शिवसेना (UBT) के नेता संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन के अन्य दलों को भी एकता बनाए रखने के लिए कांग्रेस पर भरोसा दिखाना चाहिए।
गठबंधन का भविष्य संकट में
INDIA ब्लॉक में दरार ने इस गठबंधन के भविष्य को अनिश्चित कर दिया है। यदि यह मतभेद समय पर सुलझाए नहीं गए, तो 2024 के लोकसभा चुनाव में इसका प्रभावी होना मुश्किल होगा। सभी दलों को अपने मतभेद भुलाकर एकजुट होकर काम करना होगा।
यदि कांग्रेस और AAP के बीच तनाव खत्म नहीं हुआ, तो यह गठबंधन के लिए गंभीर झटका हो सकता है। नेतृत्व को इन विवादों को हल करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने की आवश्यकता है।
INDIA ब्लॉक का गठन विपक्षी दलों की एकता के लिए किया गया था, लेकिन कांग्रेस और AAP विवाद (Congress and AAP Conflict) ने इसकी नींव को हिला दिया है। शिवसेना जैसे दलों का कहना है कि जब तक सभी दलों के बीच सहमति नहीं बनेगी, तब तक यह गठबंधन अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाएगा।
गठबंधन के भविष्य के लिए जरूरी है कि सभी दल अपने मतभेद भुलाकर एक साथ आएं। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो इसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।