समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी को औरंगजेब की तारीफ करने के मामले में विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। इस फैसले के खिलाफ अबू आजमी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस कार्रवाई का समर्थन किया है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी विधायक और प्रवक्ता राम कदम ने कहा कि सिर्फ निलंबन ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज के अपमान पर और कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार उन्हें एक सत्र के लिए निलंबित किया गया है और एक कमेटी गठित की गई है जो अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट के आधार पर ये तय किया जाएगा कि आगे क्या कार्रवाई की जाए। लेकिन केवल एक सत्र के निलंबन से लोग संतुष्ट नहीं हैं।
अबू आजमी पर विपक्ष के आरोप
बीजेपी नेता राम कदम ने ये भी कहा कि जिसने राम भक्तों पर गोली चलाई हो, वो किसी भी हाल में बीजेपी की बी टीम नहीं हो सकता। वहीं, विपक्ष का आरोप है कि ये पूरा मामला धनंजय मुंडे के विवाद से ध्यान हटाने के लिए उठाया गया है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार और शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राऊत ने कहा कि ये विवाद बीजेपी द्वारा सुनियोजित तरीके से खड़ा किया गया है।
अबू आजमी को देश छोड़ने की सलाह
बीजेपी के विधायक नितेश राणे ने कहा कि अबू आजमी को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। इस पर राम कदम ने कहा कि इसमें गलत क्या है? उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी के सीने में चाकू घोंप दिया जाए, तो क्या शब्द वापस लेने से चोट भर सकती है? राम कदम ने यहां तक कहा कि अबू आजमी को अफगानिस्तान चले जाना चाहिए।
अखिलेश यादव से अबू आजमी को हटाने की मांग
शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मांग की है कि वह अबू आजमी को महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाएं।
अबू आजमी का निलंबन महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया विवाद बन गया है। बीजेपी इस फैसले का समर्थन कर रही है, जबकि विपक्ष इसे ध्यान भटकाने की रणनीति बता रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है और अबू आजमी के राजनीतिक भविष्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
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