Maheshwari Mandal: मुंबई के भायंदर में एक ऐसी खबर गूंज रही है, जो न केवल माहेश्वरी समुदाय के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए चर्चा का विषय बन गई है। माहेश्वरी मंडल भायंदर (Maheshwari Mandal Bhayander) ने अपने समुदाय की घटती जनसंख्या को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में आयोजित सम्मान समारोह और गणगौर महोत्सव 2025 के दौरान इस पहल की घोषणा की गई। इस मौके पर 2,000 से अधिक लोग जमा हुए थे, और मंडल के अध्यक्ष नटवर डागा ने मंच से इस योजना का खुलासा किया। उन्होंने इसे जनसंख्या पुनर्जनन (Population Revival) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। आइए, इस कहानी को और करीब से जानते हैं।
यह सब शुरू हुआ एक सांस्कृतिक और सामुदायिक उत्सव से, जहां भायंदर का माहेश्वरी समुदाय अपनी परंपराओं और एकता का जश्न मना रहा था। रंग-बिरंगे परिधानों और उत्साह भरे माहौल के बीच नटवर डागा ने मंच पर कदम रखा। उनकी आवाज में एक नया जोश था, जब उन्होंने घोषणा की कि अब से माहेश्वरी परिवारों को तीसरी संतान के जन्म पर खास आर्थिक और सामाजिक सहायता दी जाएगी। इस खबर ने वहां मौजूद हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान ला दी। लोग तालियों से इस फैसले का स्वागत कर रहे थे, मानो यह उनके समुदाय के भविष्य के लिए एक नई रोशनी हो।
इस योजना के तहत, जो परिवार अपनी तीसरी संतान का स्वागत करेगा, उसे कई तरह की मदद मिलेगी। सबसे पहले, परिवार को पांच लाख रुपये का एक निश्चित जमा राशि दी जाएगी, जो बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करेगी। इसके अलावा, दस लाख रुपये का जीवन बीमा भी प्रदान किया जाएगा, ताकि परिवार को किसी भी अनहोनी की स्थिति में सहारा मिले। स्वास्थ्य के लिए भी मंडल ने खास इंतजाम किया है। तीसरी संतान के लिए पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा सहायता उपलब्ध होगी। और तो और, बच्चे की पढ़ाई के लिए समुदाय के शिक्षा कोष से मदद दी जाएगी। यह सुनकर हर कोई हैरान था कि एक समुदाय अपने लोगों के लिए इतना कुछ सोच सकता है।
इस घोषणा के पीछे की सोच को समझना भी जरूरी है। भायंदर में माहेश्वरी समुदाय की जनसंख्या धीरे-धीरे कम हो रही है। शहरी जीवन, छोटे परिवारों की बढ़ती प्रवृत्ति और आर्थिक दबावों ने इस समुदाय की मौजूदगी को प्रभावित किया है। नटवर डागा ने अपने भाषण में बताया कि यह योजना न केवल परिवारों को प्रोत्साहित करने के लिए है, बल्कि यह समुदाय की संस्कृति और पहचान को जीवित रखने का भी एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि जब एक समुदाय अपनी जड़ों को मजबूत करता है, तभी वह भविष्य में फलता-फूलता है।
इस आयोजन में सिर्फ भायंदर के लोग ही नहीं, बल्कि देश भर से माहेश्वरी समुदाय के बड़े चेहरे शामिल हुए। अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के अध्यक्ष संदीप काबरा और महासचिव अजय काबरा ने इस मौके पर अपनी उपस्थिति दर्ज की। महाराष्ट्र राज्य माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष मधुसूदनजी गांधी और उपाध्यक्ष सत्यनारायणजी सरदा भी वहां मौजूद थे। भायंदर मंडल के सचिव नारायण तोषनीवाल, कोषाध्यक्ष सुरेश डारक, ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष मदनलाल भूतड़ा और सचिव हरिप्रसाद असावा जैसे लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। महिलाओं और युवा समितियों के सदस्यों ने भी इस उत्सव को और खास बनाया।
यह आयोजन सिर्फ एक घोषणा तक सीमित नहीं था। यह एक ऐसा मंच था, जहां समुदाय ने अपनी एकता और समर्पण को दिखाया। गणगौर महोत्सव की रौनक, पारंपरिक नृत्य और संगीत ने माहौल को और जीवंत कर दिया। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उस योजना की हो रही थी, जिसने हर किसी का ध्यान खींचा। लोग आपस में बात कर रहे थे कि कैसे यह पहल उनके समुदाय को नई ताकत देगी। यह एक ऐसा कदम है, जो न केवल आर्थिक मदद देता है, बल्कि परिवारों को यह भरोसा भी देता है कि उनका समुदाय उनके साथ है।
भायंदर जैसे शहर में, जहां आधुनिकता और परंपराओं का संगम है, माहेश्वरी मंडल भायंदर (Maheshwari Mandal Bhayander) का यह कदम एक मिसाल बन गया है। यह योजना सिर्फ तीसरी संतान को प्रोत्साहन देने की बात नहीं है। यह उस सोच को दर्शाती है, जो एक समुदाय को अपने भविष्य के लिए चिंतित और सक्रिय दिखाती है। हर परिवार जो इस योजना का हिस्सा बनेगा, वह न केवल अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य बनाएगा, बल्कि अपने समुदाय की विरासत को भी आगे ले जाएगा।