Pahalgam terrorist attack: पहलगाम, कश्मीर की वो वादी जो अपनी खूबसूरती और शांति के लिए जानी जाती है, मंगलवार को आतंक की आग में जल उठी। बैसरन घाटी, जहां पर्यटक प्रकृति का आनंद लेने आते हैं, वहां आतंकियों ने खून की होली खेली। 27 बेकसूर जिंदगियां छिन गईं, 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। यह दर्दनाक हादसा न सिर्फ कश्मीर बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरी चोट है। आइए, इस त्रासदी की कहानी को करीब से समझें, उस दर्द को महसूस करें जो हर हिंदुस्तानी के दिल में उमड़ रहा है।
संदिग्ध 3 आतंकियों के स्केच जारी
सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस हमले के तीन संदिग्ध आतंकियों – आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा के स्केच जारी किए हैं। चश्मदीदों की मदद से बने इन स्केच ने उन चेहरों को सामने लाया, जिन्होंने मासूमों की जिंदगी छीन ली। सोशल मीडिया पर चार संदिग्धों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, लेकिन अभी तक सेना या एजेंसियों ने इन तस्वीरों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। यह अनिश्चितता और डर का माहौल और गहरा कर रही है।
लश्कर-ए-तैयबा का खतरनाक मंसूबा
इंटेलिजेंस सूत्रों ने खुलासा किया है कि इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट से ऑपरेट करता है। सैफुल्लाह ने एक महीने पहले ही हमले की चेतावनी दी थी। 2019 का उसका एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें वह कहता है, “कश्मीर का मसला ठंडा नहीं होने देना है।” इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर के प्रॉक्सी विंग द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। यह संगठन कश्मीर में आतंक का पर्याय बन चुका है।
पाकिस्तान का इनकार, लेकिन सवाल बरकरार
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस हमले में अपने देश का हाथ होने से इनकार किया है। लेकिन सवाल उठता है कि जब हमले का मास्टरमाइंड PoK से ऑपरेट कर रहा है, तो क्या ये इनकार सच हो सकता है? ये सवाल हर हिंदुस्तानी के मन में कौंध रहा है।
मासूमों का खून और देश का दर्द
मंगलवार दोपहर, जब बैसरन घाटी में पर्यटक प्रकृति की गोद में सुकून तलाश रहे थे, आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटकों ने अपनी जान गंवाई। नेपाल और UAE के एक-एक पर्यटक और दो स्थानीय लोग भी इस त्रासदी का शिकार हुए। यह हमला 2019 के पुलवामा अटैक के बाद कश्मीर में हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला है, जिसमें 40 CRPF जवान शहीद हुए थे।
हर मृतक की कहानी अपने पीछे छोड़ गई है एक अधूरी जिंदगी, टूटे सपने और रोते हुए परिवार। यह सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि वे जिंदगियां हैं जो हमारे देश का गौरव थीं।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम पहुंचकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों से हमले की पूरी जानकारी ली। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर भारत लौट आए। वे जल्द ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक करेंगे। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने भी पहलगाम में जांच शुरू कर दी है।
पहलगाम हमला हमें फिर से उस सच्चाई से रूबरू कराता है कि आतंकवाद का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। ये सिर्फ कश्मीर की नहीं, बल्कि पूरे देश की लड़ाई है। हमें एकजुट होकर इस बुराई के खिलाफ खड़ा होना होगा। सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता, सरकार की कठोर कार्रवाई और जनता का समर्थन ही हमें इस जंग में जीत दिला सकता है।
आप क्या कर सकते हैं?
- जागरूक रहें: सोशल मीडिया पर वायरल खबरों पर भरोसा करने से पहले उनकी सत्यता जांचें।
- सहयोग करें: सुरक्षा एजेंसियों को संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी दें।
- एकता बनाए रखें: इस दुख की घड़ी में देशवासियों के साथ खड़े रहें और नफरत फैलाने वालों से बचें।
पहलगाम की ये त्रासदी हमारे दिलों में हमेशा एक टीस छोड़ जाएगी। लेकिन हमें हार नहीं माननी है। हमारा देश, हमारा कश्मीर फिर से शांति और समृद्धि का प्रतीक बनेगा। आइए, उन मासूमों की याद में एकजुट होकर आतंक के खिलाफ लड़ें।
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