महाराष्ट्र

Prati Vighne: 22 वर्षीय प्राप्ती विघ्ने की हार्ट अटैक से मौत, तिवसा में छाया मातम

Prati Vighne: 22 वर्षीय प्राप्ती विघ्ने की हार्ट अटैक से मौत, तिवसा में छाया मातम

Prati Vighne: महाराष्ट्र के अमरावती जिले में एक दुखद घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया। युवा पहलवान (Young Wrestler) और तिवसा की होनहार बेटी, 22 वर्षीय प्राप्ती विघ्ने, का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। यह खबर 5 मई 2025 को सामने आई, जब सोमवार की दोपहर उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। हार्ट अटैक से मौत (Death by Heart Attack) जैसी अप्रत्याशित घटना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे खेल जगत को शोक में डुबो दिया। प्राप्ती की कहानी न केवल उनकी मेहनत और लगन को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि इतनी कम उम्र में ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं। आइए, इस दुखद कहानी को करीब से जानते हैं।

प्राप्ती विघ्ने तिवसा की उन युवा प्रतिभाओं में से थीं, जिन्होंने कम उम्र में ही अपनी मेहनत से बड़ा नाम कमाया। वह युवा पहलवान (Young Wrestler) के रूप में जानी जाती थीं और कई राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में मेडल जीत चुकी थीं। तिवसा के प्रसिद्ध हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल अखाड़े में उन्होंने कुश्ती की बारीकियां सीखीं। इसके अलावा, वह पंचशील व्यायाम प्रसारक मंडल, तिवसा की सक्रिय सदस्य भी थीं। उनकी मेहनत और जुनून ने उन्हें स्थानीय समुदाय में एक प्रेरणा बना दिया था।

प्राप्ती का दिनचर्या बेहद अनुशासित था। वह रोजाना व्यायाम करती थीं और कुश्ती के लिए अपनी फिटनेस को बनाए रखती थीं। उनके कोच और साथी पहलवानों के अनुसार, वह हमेशा मैदान में उत्साह और जोश के साथ उतरती थीं। उनकी यह मेहनत उन्हें राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में आगे ले गई, जहां उन्होंने कई पुरस्कार और सम्मान हासिल किए। लेकिन किसे पता था कि इतनी फिट और ऊर्जावान युवा पहलवान की जिंदगी इतनी जल्दी खत्म हो जाएगी।

5 मई 2025 को सुबह तक सब कुछ सामान्य था। प्राप्ती उस समय अमरावती में थीं, जब उन्हें अचानक उल्टी और हाथ-पैर में दर्द की शिकायत शुरू हुई। उन्होंने तुरंत अपने परिवार को फोन करके इसकी जानकारी दी। परिवार ने बिना देर किए उन्हें अमरावती से तिवसा अपने घर ले आए। घर पर आराम करने के दौरान उनकी हालत और बिगड़ गई। दोपहर होते-होते उनकी तबीयत इतनी खराब हो गई कि उन्हें तुरंत तिवसा के उपजिला अस्पताल में ले जाया गया।

अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी जांच की, लेकिन दुखद रूप से उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार, हार्ट अटैक से मौत (Death by Heart Attack) का कारण दिल का दौरा था। यह खबर सुनकर उनका परिवार सदमे में डूब गया। एक ऐसी युवा लड़की, जो रोजाना व्यायाम करती थी और शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट थी, उसका इस तरह चले जाना हर किसी के लिए अविश्वसनीय था।

प्राप्ती की अचानक मौत ने अमरावती के खेल जगत को गहरा आघात पहुंचाया। हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल अखाड़े में उनके साथी पहलवानों और कोच ने उनकी याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। उनके कोच ने बताया कि प्राप्ती न केवल एक मेहनती पहलवान थीं, बल्कि एक ऐसी इंसान भी थीं जो हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहती थीं। उनकी हंसी और मैदान में उनका जोश अब केवल यादों में रह गया है।

पंचशील व्यायाम प्रसारक मंडल के सदस्यों ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर स्थानीय खेल समुदाय और प्रशंसकों ने प्राप्ती को याद करते हुए उनकी तस्वीरें और उपलब्धियों को साझा किया। कई लोगों ने लिखा कि वह युवा पहलवानों के लिए एक प्रेरणा थीं और उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता। युवा पहलवान (Young Wrestler) की इस असामयिक मौत ने पूरे तिवसा में शोक की लहर पैदा कर दी।

प्राप्ती का परिवार इस दुख को सहन करने की कोशिश कर रहा है। उनके भाई, जो उन्हें अमरावती से घर लेकर आए थे, अब भी उस पल को याद करके सिहर उठते हैं। उनके माता-पिता के लिए यह नुकसान असहनीय है। प्राप्ती अपने परिवार की सबसे होनहार बेटी थीं, जो न केवल खेल में, बल्कि पढ़ाई और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय थीं। उनके पिता हमेशा उनकी उपलब्धियों पर गर्व करते थे, और मां उन्हें अपनी सबसे बड़ी ताकत मानती थीं।

परिवार के एक करीबी रिश्तेदार ने बताया कि प्राप्ती का सपना था कि वह राष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में देश का नाम रोशन करें। वह इसके लिए दिन-रात मेहनत करती थीं। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। हार्ट अटैक से मौत (Death by Heart Attack) ने उनके सारे सपनों को एक पल में चकनाचूर कर दिया।

प्राप्ती की मौत ने एक बार फिर युवाओं में बढ़ते दिल के दौरे के मामलों पर सवाल उठाए हैं। हाल के वर्षों में, महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में कई युवा एथलीट और सामान्य लोग दिल के दौरे का शिकार हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव, अनियमित जीवनशैली और कभी-कभी अनजान स्वास्थ्य समस्याएं इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।

प्राप्ती जैसे एथलीट, जो शारीरिक रूप से फिट थे और नियमित व्यायाम करते थे, उनकी मौत ने यह सवाल उठाया कि क्या युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। हालांकि, इस लेख का उद्देश्य प्राप्ती की कहानी को साझा करना है, और उनकी मृत्यु के सटीक कारणों का पता लगाना चिकित्सकीय जांच का विषय है। फिर भी, उनकी कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें अपनी सेहत के प्रति और सजग रहना होगा।

तिवसा, जो एक छोटा सा शहर है, वहां प्राप्ती की मौत की खबर ने हर घर को प्रभावित किया। स्थानीय लोग उन्हें एक उभरती सितारा मानते थे, जो अपने छोटे से शहर का नाम पूरे राज्य में रोशन कर रही थी। उनके पड़ोसी और दोस्त अब भी विश्वास नहीं कर पा रहे कि वह अब उनके बीच नहीं हैं।

स्थानीय स्कूलों और खेल संगठनों ने प्राप्ती को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष सभाएं आयोजित कीं। उनके स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि वह पढ़ाई में भी उतनी ही अच्छी थीं, जितनी कुश्ती में। उनकी यह मेहनत और समर्पण उन्हें हर क्षेत्र में आगे ले जा रहा था। लेकिन युवा पहलवान (Young Wrestler) की यह यात्रा अधूरी रह गई।

प्राप्ती विघ्ने की कहानी सिर्फ एक दुखद घटना नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी युवा लड़की की कहानी है, जिसने अपने छोटे से जीवन में बहुत कुछ हासिल किया। उनके द्वारा जीते गए मेडल, उनकी मेहनत और उनका जोश आज भी तिवसा के युवाओं के लिए प्रेरणा है। खेल जगत में उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी, लेकिन उनकी उपलब्धियां हमेशा याद रखी जाएंगी।

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