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New Rules for Pet and Stray Animals: मुंबई में पालतू और आवारा जानवरों के लिए बीएमसी के नए नियम लागू

New Rules for Pet and Stray Animals: मुंबई में पालतू और आवारा जानवरों के लिए बीएमसी के नए नियम लागू

New Rules for Pet and Stray Animals: 18 जून 2025 का दिन मुंबई के पशु प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन था। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने इस दिन पालतू जानवरों के मालिकों और आवारा जानवरों को खाना खिलाने वालों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए। ये नियम न केवल पालतू जानवरों की देखभाल को और व्यवस्थित करने के लिए हैं, बल्कि समाज में जानवरों और इंसानों के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने का भी उद्देश्य रखते हैं। इन दिशानिर्देशों में एक अहम बात यह है कि अब सभी पालतू जानवरों, खासकर कुत्तों, का पंजीकरण अनिवार्य है। बिना लाइसेंस के कुत्ता पालना अब मुंबई नगर निगम अधिनियम, 1888 की धारा 191बी के तहत गैरकानूनी होगा।

इन नियमों की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के आदेश और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के निर्देशों के बाद हुई। बीएमसी ने स्पष्ट किया कि आवारा जानवरों को खाना खिलाने वालों को परेशान करना दंडनीय अपराध है। यह कदम इसलिए भी उठाया गया क्योंकि हाल के वर्षों में पालतू और आवारा जानवरों को लेकर नागरिकों के बीच कई विवाद सामने आए हैं। इन दिशानिर्देशों का पूरा विवरण बीएमसी के पशु चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट vhd.mcgm.gov.in पर उपलब्ध है।

नए नियमों में आवारा कुत्तों और बिल्लियों को खाना खिलाने की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने पर जोर दिया गया है। उदाहरण के लिए, खाना खिलाने के लिए विशेष स्थान निर्धारित किए जाएंगे, जो बच्चों के खेलने की जगह या सार्वजनिक रास्तों से दूर होंगे। यह सुनिश्चित करना होगा कि खाना साफ-सुथरा हो और कच्चा मांस या बचा हुआ खाना न दिया जाए। साथ ही, खाना खिलाने वालों को आवारा जानवरों की नसबंदी और टीकाकरण में सहयोग करना होगा। खाना खिलाने का समय सुबह जल्दी या देर शाम को निर्धारित किया गया है, जब सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ कम होती है। इन नियमों का पालन करके आवारा जानवरों की देखभाल को और बेहतर किया जा सकता है।

पालतू जानवरों के मालिकों के लिए भी कई जरूरी नियम बनाए गए हैं। बीएमसी ने कहा कि हाउसिंग सोसाइटीज को पालतू जानवरों पर प्रतिबंध लगाने या उनके आकार को तय करने का अधिकार नहीं है। ऐसा करना नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन माना जाएगा। हालांकि, सोसाइटीज को आवारा जानवरों को खाना खिलाने के लिए समय और स्थान तय करने का अधिकार है, बशर्ते यह फैसला सभी निवासियों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाए। पालतू जानवरों को सार्वजनिक स्थानों पर पट्टे (लीश) में रखना अनिवार्य है, और उनके मल को साफ करना मालिक की जिम्मेदारी होगी।

इन दिशानिर्देशों का एक प्रमुख उद्देश्य है पालतू और आवारा जानवरों के बीच सामंजस्य बनाना। बीएमसी का कहना है कि यह नियम पशु कल्याण को बढ़ावा देने के साथ-साथ समाज में शांति और सहयोग को भी प्रोत्साहित करेंगे। उदाहरण के लिए, एक हाउसिंग सोसाइटी में कुछ लोग आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के पक्ष में थे, जबकि कुछ इसके खिलाफ। बीएमसी के नए नियमों के तहत अब दोनों पक्षों को मिलकर एक समाधान निकालना होगा, जैसे कि खाना खिलाने के लिए एक निश्चित स्थान और समय तय करना। इससे न केवल जानवरों की देखभाल होगी, बल्कि सोसाइटी में तनाव भी कम होगा।

पालतू जानवरों का पंजीकरण अनिवार्य करने का नियम भी खासा चर्चा में है। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि पालतू जानवरों की संख्या और उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखी जा सके। बिना लाइसेंस के कुत्ता पालना अब गैरकानूनी होगा, और इसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई हो सकती है। बीएमसी ने यह भी कहा कि पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया जाएगा, ताकि पालतू जानवरों के मालिकों को किसी तरह की परेशानी न हो।

ये दिशानिर्देश मुंबई जैसे महानगर के लिए एक बड़ा कदम हैं, जहां पालतू और आवारा जानवरों की देखभाल एक जटिल मुद्दा रहा है। इन नियमों से न केवल जानवरों का जीवन बेहतर होगा, बल्कि नागरिकों के बीच आपसी समझ और सहयोग भी बढ़ेगा। बीएमसी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आवारा जानवरों को खाना खिलाने वालों को कानूनी संरक्षण मिले, ताकि वे बिना किसी डर के अपनी जिम्मेदारी निभा सकें।

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