मुंबई की दहिसर साइबर पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए भोजपुरी अभिनेता और यूट्यूबर दिलीप कुमार साहू (41) को उत्तर प्रदेश के कौशांबी से गिरफ्तार किया है। ये खबर शहर में तहलका मचा रही है, क्योंकि साहू ने मुंबई के बोरीवली निवासी एक बेस्ट बस ड्राइवर से साढ़े तीन लाख रुपये की ठगी की है। आइए, इस सनसनीखेज मामले की पूरी कहानी जानते हैं।
क्रेडिट कार्ड की आड़ में ठगी का जाल
कहानी शुरू होती है मई महीने में, जब बोरीवली पूर्व में रहने वाले एक बेस्ट ड्राइवर की नजर कांदिवली वेस्ट के पोइसर डिपो के पास एक चमकदार पोस्टर पर पड़ती है। पोस्टर पर लिखा था, “क्रेडिट कार्ड से कैश लीजिए”, और साथ में एक मोबाइल नंबर। पैसों की जरूरत में फंसे ड्राइवर ने 13 मई को उस नंबर पर संपर्क किया। दूसरी तरफ, खुद को दिलीप कुमार साहू बताने वाले शख्स ने सिर्फ 2.5% कमीशन पर कैश देने का लुभावना ऑफर दिया।
पहले ट्रांजैक्शन में ड्राइवर ने अपने क्रेडिट कार्ड से 20,000 रुपये स्वाइप किए, और बदले में उन्हें 19,500 रुपये मिल गए। ये छोटी-सी कामयाबी साहू के जाल का हिस्सा थी, जिसने पीड़ित का भरोसा जीत लिया।
भरोसे का खेल और लाखों की ठगी
भरोसा जीतने के बाद साहू ने असली खेल शुरू किया। 16 मई को ड्राइवर ने अपने दो अलग-अलग क्रेडिट कार्ड्स से कुल 3.5 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन इस बार साहू ने एक भी पैसा वापस नहीं किया। पीड़ित ने बार-बार संपर्क करने की कोशिश की, मगर साहू टालमटोल करता रहा। आखिरकार, हताश होकर ड्राइवर ने राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायत दर्ज की और दहिसर साइबर पुलिस से मदद मांगी।
साइबर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई
दहिसर साइबर पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। तकनीकी जांच और ट्रेसिंग के जरिए पुलिस ने साहू को कौशांबी में धर दबोचा। 28 जून को उसे ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई लाया गया। जांच में पता चला कि साहू ने कांदिवली, गोरेगांव और मुंबई के अन्य इलाकों में भी ऐसी कई ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। हैरानी की बात ये है कि कौशांबी में भी उसके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हैं।
सोशल इंजीनियरिंग: ठगी का नया हथियार
पुलिस के अनुसार, साहू सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर लोगों का भरोसा जीतता था। वो पहले छोटे ट्रांजैक्शन करके विश्वास बनाता, फिर बड़ी रकम हड़प कर फरार हो जाता। साहू के इस जाल में कई लोग फंस चुके हैं, और पुलिस अब उसके संभावित साथियों और अन्य पीड़ितों की तलाश में जुटी है।
सावधान रहें, साइबर ठगों से बचें!
ये मामला हमें सिखाता है कि चमकदार ऑफर्स और आसान पैसों के लालच में पड़ना कितना खतरनाक हो सकता है। क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स, सीवीवी, या ओटीपी जैसी संवेदनशील जानकारी कभी भी अनजान लोगों के साथ साझा न करें। अगर आप भी साइबर ठगी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
फिलहाल, दिलीप कुमार साहू पुलिस हिरासत में है, और इस सनसनीखेज मामले की जांच जारी है। क्या आपके पास भी ऐसी कोई कहानी है? हमें कमेंट्स में बताएं, और साइबर क्राइम से सावधान रहें।
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