महाराष्ट्र

पुणे के यवत में दो गुटों के बीच तनाव: सोशल मीडिया पोस्ट और मूर्ति अपमान से बिगड़ा माहौल

Pune

महाराष्ट्र के पुणे जिले के दौंड तालुका में स्थित यवत में दो गुटों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ये तनाव एक वॉट्सऐप ग्रुप में कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट और नीलकंठेश्वर मंदिर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की घटना से शुरू हुआ। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन क्षेत्र में तनाव का माहौल अब भी बना हुआ है।

क्या है पूरा मामला?
पिछले शुक्रवार, 25 जुलाई को यवत में एक समुदाय के व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट साझा की थी, जिसके बाद इलाके में तनाव बढ़ गया। इसके अगले दिन, शनिवार 26 जुलाई को यवत के नीलकंठेश्वर मंदिर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई। इस घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसके बाद से ही यवत में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।

आज, 01 अगस्त को एक और आपत्तिजनक वॉट्सऐप पोस्ट ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। यवत पुलिस ने इस पोस्ट को साझा करने वाले सैय्यद नाम के व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जो सहकार नगर इलाके का निवासी है। गुस्साए स्थानीय लोगों ने सैय्यद के घर पर तोड़फोड़ की, जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा।

जन आक्रोश मोर्चा और बंद का आह्वान
मूर्ति अपमान की घटना के विरोध में 31 जुलाई को यवत में जन आक्रोश मोर्चा निकाला गया, जिसमें बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर और राकांपा विधायक संग्राम जगताप ने हिस्सा लिया। इस मोर्चे में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। इसके अलावा, दौंड तालुका और आसपास के गांवों में आज, 01 अगस्त को बंद का आह्वान किया गया।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
यवत पुलिस निरीक्षक नारायण देशमुख ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने समय पर हस्तक्षेप कर आगजनी जैसी बड़ी घटना को रोक लिया। दौंड विधायक ने कहा, “पिछले दो-तीन दिनों से यवत में तनाव का माहौल था। हम पुलिस-प्रशासन के साथ मिलकर स्थिति को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।”

नेताओं की प्रतिक्रिया
विधायक जितेंद्र आव्हाड ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “जिन इलाकों में पहले कभी सांप्रदायिक तनाव नहीं देखा गया, वहां अब तनाव पैदा हो रहा है। कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए महाराष्ट्र की शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं, जो निंदनीय है। नेताओं का काम तनाव कम करना है, न कि उसे बढ़ावा देना।”

स्थानीय लोगों ने क्या कहा?
यवत के ग्रामीणों का कहना है कि ये तनाव एक युवक की सोशल मीडिया पोस्ट के कारण शुरू हुआ। हालांकि, स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप के बाद कई लोग अपने घर लौट गए हैं। ग्रामीणों का मानना है कि ये सब कुछ बाहरी लोगों की वजह से हुआ। वे अब शांति की उम्मीद कर रहे हैं।

पुलिस और प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। यवत में भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ शांति बनाए रखने के लिए स्थानीय नेताओं और समुदायों के बीच बातचीत जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।

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