महाराष्ट्र

नागपुर में NCP चिंतन शिविर से पहले होर्डिंग्स ने खींचा ध्यान, कार्यकर्ताओं ने की भावुक अपील

नागपुर में NCP चिंतन शिविर से पहले होर्डिंग्स ने खींचा ध्यान, कार्यकर्ताओं ने की भावुक अपील

नागपुर में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई में आयोजित हो रहे एनसीपी (NCP) चिंतन शिविर से पहले ही राजनीतिक गलियारों में एक दिलचस्प तस्वीर देखने को मिली। शिविर स्थल के बाहर लगे फ्लेक्स और होर्डिंग्स ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

इन बैनरों पर लिखा गया है, “जो हो गया सो गंगा में बहने दो, महाराष्ट्र हित के लिए साहेब, दादा और ताई फिर से एक हो जाइए।”

यह भावुक अपील पार्टी कार्यकर्ताओं की उस मनोदशा को दर्शाती है, जिसमें वे शरद पवार, अजित पवार और सुप्रिया सुले को एक मंच पर देखना चाहते हैं।

कार्यकर्ताओं का संदेश – “फिर से एक हो जाइए”
मुंबई एनसीपी के महासचिव राजू घुगे और दिनेशचंद्र हुलवले की ओर से लगाए गए इन फ्लेक्स पर लिखा गया है, “साहेब (शरद पवार), दादा (अजित पवार), ताई (सुप्रिया सुले)… हम हमेशा आपके साथ हैं। लेकिन हमें तब और अच्छा लगेगा जब आप तीनों एकजुट होकर पार्टी और महाराष्ट्र की राजनीति का नेतृत्व करेंगे। देश के लिए, महाराष्ट्र के लिए और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के भविष्य के लिए अब समय है कि आप फिर से एक हो जाएं।”

NCP

ये अपील बार-बार दोहराई गई है, “फिर से एक हो जाइए! फिर से एक हो जाइए! फिर से एक हो जाइए!” जिससे साफ झलकता है कि कार्यकर्ताओं के दिलों में दोनों एनसीपी के विलय की तीव्र इच्छा है।

सुनील तटकरे ने बताया शिविर का उद्देश्य
इस मौके पर एनसीपी प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि यह चिंतन शिविर सिर्फ आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी तक सीमित नहीं है। उनका कहना था, “एनसीपी की निष्ठा जनता के सर्वांगीण विकास के प्रति है। हमारी राजनीति केवल सत्ता या चुनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में दीर्घकालिक बदलाव लाना ही लक्ष्य है। यह शिविर महाराष्ट्र और देश की राजनीति के भविष्य को आकार देगा। हमारा उद्देश्य है मूल्य आधारित लेकिन आधुनिक आवश्यकताओं को पूरा करने वाली मजबूत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का निर्माण।”

क्या दोनों एनसीपी होंगी फिर से एक? 
पिछले कुछ महीनों से यह सवाल लगातार उठ रहा है कि क्या अजित पवार और शरद पवार की राहें फिर से मिलेंगी? हालांकि, दोनों गुटों के नेताओं ने अब तक इस पर कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है। लेकिन कार्यकर्ताओं और कुछ विधायकों की खुलकर यह मांग सामने आ चुकी है कि पार्टी में फिर से एकता दिखाई दे।

नागपुर शिविर से पहले लगे इन भावुक बैनरों ने एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी है कि क्या आने वाले समय में दोनों गुट एकजुट होकर महाराष्ट्र की राजनीति में नई तस्वीर पेश करेंगे।

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