Religious Figures Explained: भारत की आध्यात्मिक दुनिया में कई नाम सुनने को मिलते हैं। संत, साधु, बाबा, अवधूत और औघड़। ये सब सुनने में एक जैसे लगते हैं लेकिन हर एक का मतलब और रास्ता अलग है। कोई समाज को रास्ता दिखाता है तो कोई श्मशान में साधना करता है। कोई सादा जिंदगी जीता है तो कोई नियम तोड़कर रहस्यमयी बन जाता है। आइए जानते हैं साधना प्रकार समझाया और इनमें सबसे रहस्यमयी कौन है।
सबसे पहले संत की बात। संत वो लोग हैं जो भगवान की भक्ति और अच्छे कामों से समाज को रास्ता दिखाते हैं। वो सत्य के रास्ते पर चलते हैं। सादा जीवन जीते हैं और सबको प्यार बांटते हैं। कबीर, तुलसीदास, मीरा या गुरु नानक जैसे लोग संत कहलाए। ये लोग गृहस्थ भी हो सकते हैं। इनका काम है लोगों को प्रेम और भक्ति सिखाना। ये जात पात से ऊपर उठकर सबको जोड़ते हैं।
साधु का रास्ता थोड़ा अलग है। साधु वो हैं जो दुनिया छोड़कर भगवान की साधना में डूब जाते हैं। घर, परिवार, पैसा सब त्याग देते हैं। नंगे पैर चलते हैं, जमीन पर सोते हैं और ध्यान योग करते हैं। जैन, बौद्ध, वैष्णव या शैव साधु किसी गुरु से दीक्षा लेकर चलते हैं। इनका मकसद है आत्मा को शुद्ध करना। हिंदू धर्म में ज्यादातर साधु मिलते हैं लेकिन जैन और बौद्ध परंपराओं में भी हैं।
बाबा शब्द सुनते ही साईं बाबा या नीम करौली बाबा का नाम दिमाग में आता है। ये एक प्यारा सा संबोधन है। बाबा कोई संत हो सकता है, साधु हो सकता है या कोई गुरु। ये लोग भक्ति या समाज सुधार में लगे रहते हैं। इनके साथ चमत्कारों की कहानियां जुड़ जाती हैं। हिंदू, सिख या सूफी परंपराओं में बाबा आम हैं। जरूरी नहीं कि बाबा संन्यासी हों, वो घरवाले भी हो सकते हैं।
अब बात अवधूत की। अवधूत बनाम औघड़ अंतर समझने के लिए पहले अवधूत को जान लें। ये वो साधक हैं जो सारे नियम तोड़ देते हैं। न कपड़े की परवाह, न खाने की। ये माया और अहंकार से पूरी तरह मुक्त होते हैं। नाथ या तांत्रिक परंपराओं में ये ज्यादा मिलते हैं। दत्तात्रेय या गजानन महाराज को अवधूत कहते हैं। इनका व्यवहार अजीब लग सकता है। कोई पागल कहता है, कोई इन्हें दिव्य मानता है। इनकी साधना बहुत गहरी होती है।
सबसे रहस्यमयी हैं औघड़। रहस्यमयी अघोरी संत वो हैं जो अघोर पंथ या तंत्र से जुड़े हैं। ये श्मशान में साधना करते हैं। शव, भस्म, मांस या शराब तक को साधना का हिस्सा बनाते हैं। लोग इन्हें डरावना मानते हैं लेकिन इनका मकसद है हर डर और घृणा को खत्म करना। किनाराम बाबा को सबसे बड़ा औघड़ माना जाता है। ये लोग समाज के नियमों को चुनौती देते हैं। इनकी साधना गुप्त और अनोखी होती है।
तो अंतर क्या है? संत लोग सिखाते हैं, साधु साधना करते हैं, बाबा प्यार बांटते हैं, अवधूत आजाद होते हैं और औघड़ सबसे अलग रास्ते पर चलते हैं। सबसे रहस्यमयी औघड़ हैं क्योंकि उनकी साधना आम इंसान के लिए समझना मुश्किल है। श्मशान में रात बिताना या भस्म लगाना उनके लिए सत्य की खोज है। हर एक का रास्ता अलग लेकिन मंजिल है आत्मा की शांति।