मुंबई: दादर के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क मैदान में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की पारंपरिक दशहरा रैली इस वर्ष भी सत्ता संघर्ष और तीखे राजनीतिक हमलों का केंद्र बनी। गुरुवार को हुई रैली में, तेज बारिश के बावजूद, पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी राजनीतिक धार को और तेज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर जमकर निशाना साधा।
ठाकरे ने अपने भाषण को हिंदुत्व और देशभक्ति के मुख्य ध्रुवों पर केंद्रित रखा, और भाजपा की कथनी और करनी में विरोधाभास उजागर करने का प्रयास किया।
हिंदुत्व पर सीधा प्रहार: “अपने झंडे से हरा रंग हटाएं”
उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुए उसे नकली करार दिया। उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा की नीतियों को पाखंड बताते हुए कहा कि वह एक तरफ तो देशभक्ति का दावा करती है, लेकिन दूसरी तरफ पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने से नहीं हिचकती।
ठाकरे ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा:
“एक ओर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलते हैं, दूसरी ओर देशभक्ति और हिंदुत्व का नाटक करते हैं। जो लोग हमें हिंदुत्व सिखाने आते हैं, मैं उनसे कहता हूँ कि पहले अपने झंडे से यह हरा रंग हटाएं। उसके बाद हमें हिंदुत्व सिखाएं।”
यह बयान भाजपा की समावेशी राजनीति और विरोधियों को ‘असली हिंदुत्व’ पर सवाल उठाने के प्रयास पर एक कड़ा पलटवार था। ठाकरे ने जोर देकर कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें संकुचित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय धर्म सिखाया है, जिसका आधार राष्ट्रप्रेम है।
आरएसएस की ‘असहायता’ पर सवाल
अपने भाषण में, ठाकरे ने भाजपा के वैचारिक संरक्षक माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भी नहीं बख्शा। उन्होंने संगठन के शताब्दी वर्ष के करीब होने का उल्लेख करते हुए गंभीर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि जिस संगठन को 100 साल पूरे हो गए हैं, वह आज “भाजपा की नफरत के आगे असहाय हो गया है।”
ठाकरे ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया मस्जिद दौरे का उल्लेख किया और भाजपा कार्यकर्ताओं के दोहरे रवैये पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि भागवत मस्जिद तक जाते हैं, लेकिन भाजपा के लोगों में संघ प्रमुख से हिंदुत्व के बारे में सवाल पूछने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने देशभक्त सैन्य अधिकारी सोफिया कुरैशी पर भाजपा द्वारा सवाल उठाने और आरएसएस के चुप रहने के उदाहरणों से अपनी बात को मजबूती दी।
महिलाओं को ‘पगारी वोटर’ बनाने का आरोप
आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों के संदर्भ में, ठाकरे ने भाजपा पर ‘पगारी वोटर’ (Paid Voter) बनाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले भाजपा ने राज्य की महिलाओं को कथित तौर पर 1500 रुपए की पेशकश करके ‘पगारी वोटर’ तैयार करने की कोशिश की है।
ठाकरे ने सीधे महिलाओं से यह सवाल करने की अपील की कि क्या वे ‘पगारी वोटर’ हैं?
इस संदर्भ को मुंबई मनपा से जोड़ते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने एक ओर तो मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की, लेकिन दूसरी ओर बीएमसी की तिजोरी खाली कर दी है। यह बयान सीधे तौर पर भाजपा और शिंदे गुट पर भ्रष्टाचार और मुंबई की वित्तीय स्थिति खराब करने का आरोप लगाता है, जो शहरी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बनेगा।
उद्धव ठाकरे की दशहरा रैली का भाषण भावनात्मक होने के साथ-साथ रणनीतिक भी था। बारिश में भीगते हुए दिए गए इस भाषण के माध्यम से उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की और सीधे तौर पर भाजपा की सबसे बड़ी ताकतों – हिंदुत्व और राष्ट्रवाद – पर ही सवाल खड़े कर दिए। ‘पगारी वोटर’ और बीएमसी की तिजोरी खाली होने का मुद्दा उठाकर, उन्होंने आगामी निकाय चुनावों के लिए जमीन तैयार कर दी है, जहां सत्ताधारी महायुति को उनकी इन चुनौतियों का जवाब देना होगा।
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