महाराष्ट्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम बदलने की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की है कि अब ये एयरपोर्ट दिवंगत समाजसेवी और लोकनेते डी.बी. पाटिल के नाम पर जाना जाएगा। ये निर्णय न केवल सम्मान का प्रतीक है बल्कि उन संघर्षों की याद भी दिलाता है जो डी.बी. पाटिल ने परियोजनाओं से प्रभावित किसानों और स्थानीय नागरिकों के अधिकारों के लिए लड़े थे।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर सकारात्मक रुख अपनाया है और प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना से प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा देने की दिशा में सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस प्रक्रिया में किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
फडणवीस ने ये भी जानकारी दी कि राज्य के दो और एयरपोर्ट्स का नाम बदलने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। पुणे एयरपोर्ट का नाम जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज के नाम पर रखा जाएगा, जबकि छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) एयरपोर्ट का नाम छत्रपति संभाजी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। ये फैसला महाराष्ट्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देने के उद्देश्य से लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि नवी मुंबई एयरपोर्ट के नाम की आधिकारिक घोषणा यात्री सेवाओं के प्रारंभ होने के समय की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले को राज्य विधानसभा के दोनों सदनों से मंजूरी मिल चुकी है और राज्य मंत्रिमंडल ने भी इसे स्वीकृति दे दी है। अब केंद्र सरकार की अंतिम मंजूरी मिलते ही ये नाम औपचारिक रूप से लागू कर दिया जाएगा।
हाल के दिनों में महाराष्ट्र में एयरपोर्ट्स के नाम बदलने की मांग तेज हो गई थी। स्थानीय संगठनों और जनता का मानना था कि इन एयरपोर्ट्स को उन महान व्यक्तित्वों के नाम पर रखा जाना चाहिए जिन्होंने समाज और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसी मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने निर्णायक कदम उठाया है।
केंद्र सरकार वर्तमान में हवाई अड्डों के नामकरण से जुड़ी नई नीति पर काम कर रही है और उम्मीद है कि इन प्रस्तावों को जल्द ही अंतिम स्वीकृति मिल जाएगी।
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम लोकनेते डी.बी. पाटिल के नाम पर रखना महाराष्ट्र की जनता के लिए गर्व की बात है। ये निर्णय न केवल एक सामाजिक कार्यकर्ता को श्रद्धांजलि है, बल्कि राज्य की संस्कृति, इतिहास और सामाजिक चेतना को सम्मान देने का प्रतीक भी है। आने वाले समय में पुणे और छत्रपति संभाजीनगर एयरपोर्ट्स के नए नाम भी महाराष्ट्र की गौरवशाली विरासत को और मजबूत बनाएंगे।
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