मुंबई: भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में सड़कों को कबाड़मुक्त और शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने जोरदार अभियान छेड़ दिया है। शहर के अलग-अलग इलाकों में खड़े 3499 जर्जर वाहनों को टो कर हटाया गया, जबकि करीब 7000 गाड़ियों पर नोटिस चिपकाए गए हैं। बीएमसी ने साफ चेतावनी दी है कि अगर 48 घंटे के भीतर वाहन नहीं हटाए गए, तो उन्हें सीधे डंपयार्ड भेजा जाएगा!
48 घंटे की मोहलत, वरना कबाड़खाने की राह
बीएमसी के मुताबिक, ये कार्रवाई सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त करने और मुंबई की सुंदरता बनाए रखने के उद्देश्य से की जा रही है। नोटिस मिलने के बाद वाहन मालिकों को 48 घंटे का समय दिया जाता है ताकि वे अपनी गाड़ी को वहां से हटा सकें। लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करते, तो बीएमसी की टीमें उन वाहनों को जब्त कर डंपयार्ड में पहुंचा देती हैं।
वहीं, डंपयार्ड में पहुंचने के बाद भी वाहन मालिक के पास अपनी गाड़ी वापस पाने का एक मौका रहता है कि 30 दिन के अंदर दावा पेश कर वाहन छुड़ाया जा सकता है। निर्धारित समय बीतने पर बीएमसी उन वाहनों को स्क्रैप कर देती है।
कानूनी आधार: एमएमसी एक्ट की धारा 490 (3)
बीएमसी का ये पूरा अभियान एमएमसी अधिनियम, 1884 की धारा 490(3) के तहत चलाया जा रहा है। इस धारा के अनुसार, लावारिस, बेकार या लंबे समय से अनुपयोगी वाहनों को स्क्रैप करने का पूरा अधिकार नगर निगम को है।
इसके लिए बीएमसी ने एक विशेष एजेंसी की नियुक्ति भी की है, जो पूरे अभियान की निगरानी करती है। वाहनों की पहचान करना, नोटिस लगाना, टो करना और उन्हें डंपयार्ड तक पहुंचाना, सब कुछ ये एजेंसी संभालती है।
क्यों जरूरी है ये कदम?
शहर के कई इलाकों में महीनों से खड़े कबाड़ वाहन सिर्फ जगह ही नहीं घेरते, बल्कि यातायात में बाधा डालते हैं और गंदगी फैलाने का बड़ा कारण भी बनते हैं। ये पुराने वाहन बारिश के मौसम में मच्छरों का ठिकाना बन जाते हैं और नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बनते हैं।
बीएमसी के अनुसार, इन गाड़ियों को हटाने से न सिर्फ ट्रैफिक सुचारू होगा, बल्कि शहर की सूरत भी निखरेगी।
नागरिकों से अपील
बीएमसी ने मुंबईकरों से अपील की है कि वे अपने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर लावारिस हालत में न छोड़ें। अगर किसी वाहन की जरूरत नहीं है, तो उसे समय पर स्क्रैप करा दें, ताकि शहर की सड़कों पर स्वच्छता और सुगमता बनी रहे।
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