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लॉन्जरी पहनने से बढ़ता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

ब्रेस्ट कैंसर
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महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और अब ये बीमारी कम उम्र की महिलाओं में भी देखने को मिल रही है। सवाल ये है कि आखिर क्यों? क्या लॉन्जरी पहनने की आदत, ब्रांड्स की मार्केटिंग रणनीति, या इन उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स इस खतरे को बढ़ा रहे हैं? आइए जानते हैं, हालिया रिसर्च और डॉक्टरों की राय इस विषय पर क्या कहती है।

ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामले
JAMA Network Open में प्रकाशित 2024 की एक नई स्टडी के मुताबिक, पिछले 20 सालों में 20 से 49 वर्ष की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके पीछे कई कारक काम कर रहे हैं –

  • लाइफस्टाइल में बदलाव

  • देर से मातृत्व

  • पर्यावरणीय प्रदूषण

  • और हार्मोनल असंतुलन

लेकिन हैरानी की बात ये है कि अब चर्चा में एक और कारण है, और वो है लॉन्जरी इंडस्ट्री के फैब्रिक और डिज़ाइन।

“ब्रॉ हाइपोथेसिस” पर नई बहस
2014 की Journal of Cancer Prevention में प्रकाशित एक शोध ने दावा किया था कि टाइट और लंबे समय तक ब्रा पहनने से शरीर का लसीका प्रवाह (Lymphatic Flow) प्रभावित हो सकता है, जिससे ब्रेस्ट में सूजन या गांठ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, इसे लेकर अब तक कोई ठोस वैज्ञानिक सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन ये बहस अब भी जारी है कि कसावदार लॉन्जरी पहनना शरीर के लिए कितना सुरक्षित है।

केमिकल्स का छिपा हुआ खतरा
Environmental Health Perspectives (2017) और Journal of Toxicology and Environmental Health (2020) की रिपोर्ट्स ने ये चेतावनी दी कि लॉन्जरी में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ फैब्रिक्स में फ्थेलेट्स (Phthalates), फॉर्मल्डिहाइड, और सिंथेटिक डाई जैसे हानिकारक एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल्स (EDCs) पाए जाते हैं।

ये केमिकल्स शरीर में हार्मोनल संतुलन बिगाड़ सकते हैं और ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि 2012 से 2021 तक युवतियों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले हर साल लगभग 1% की दर से बढ़े हैं, जिसमें मोटापा, सेडेंट्री लाइफस्टाइल और केमिकल एक्सपोजर मुख्य कारण माने जा रहे हैं।

त्वचा से शरीर तक पहुंचते ‘फॉरएवर केमिकल्स’
विशेषज्ञ बताते हैं कि पॉलिएस्टर, नायलॉन और स्पैन्डेक्स जैसे सिंथेटिक कपड़ों में मौजूद BPA, PFAS और फ्थेलेट्स जैसे “फॉरएवर केमिकल्स” धीरे-धीरे त्वचा के ज़रिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इनका असर तुरंत नहीं दिखता, लेकिन लंबे समय में कैंसर और हार्मोनल विकारों का खतरा बढ़ा सकता है।

डॉक्टरों की सलाह: “सावधानी ही बचाव है”
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाएं कुछ आसान कदम अपनाकर अपने एक्सपोजर को कम कर सकती हैं, जैसे – प्राकृतिक फाइबर जैसे कॉटन और बैंबू फैब्रिक का चुनाव करें। अत्यधिक टाइट लॉन्जरी पहनने से बचें। भरोसेमंद ब्रांड्स चुनें जो अपने फैब्रिक की ट्रांसपेरेंसी साझा करते हों और सालाना ब्रेस्ट चेकअप और स्क्रीनिंग जरूर करवाएं।

लॉन्जरी पहनने से सीधा ब्रेस्ट कैंसर होता है, ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं है। लेकिन गलत मटेरियल, केमिकल युक्त कपड़े, और लंबे समय तक कसावदार ब्रा पहनना निश्चित रूप से स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि “अपने शरीर को आराम दें, और अपने कपड़ों को अपने स्वास्थ्य का दुश्मन न बनने दें।”

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