Maharashtra ONTV News: महाराष्ट्र सरकार ने निर्णय लिया है कि अब छोटे-छोटे बच्चों को सुबह 7 बजे से स्कूल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए सर्कुलर जारी कर सभी स्कूलों को प्री-प्राइमरी से चौथी कक्षा तक की कक्षाएं सुबह 9 बजे से शुरू करने को कहा गया है। सर्कुलर में कहा गया है कि, “जिन स्कूलों में प्री प्राइमरी से चौथी कक्षा की कक्षाओं का समय सुबह 9 बजे से पहले है, उन्हें अपना समय बदलना चाहिए और कक्षाएं सुबह 9 बजे या उसके बाद शुरू करनी चाहिए। जिन स्कूल प्रबंधनों को अपना समय बदलने में परेशानी होती है, उन्हें संबंधित जिला अधिकारी से संपर्क करना चाहिए और पता लगाना चाहिए।” जानकारी हो कि ये फैसला राज्यपाल रमेश बैस के निर्देशानुसार राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया है।
बच्चों को पर्याप्त नींद मिलेगी:
इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण ये है कि बच्चों को पर्याप्त नींद मिले और वे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें। राज्यपाल बैस ने कुछ दिन पहले ये सुझाव दिया था कि सुबह 7 बजे बच्चों को उठने से उनकी नींद पूरी नहीं होती थी और कामकाजी अभिभावकों को बच्चों को स्कूल छोड़ने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। (Maharashtra ONTV News)
अध्ययन के बाद लिया गया निर्णय:
गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा और खेल विभाग द्वारा 5 दिसंबर 2023 को आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल बैस ने स्कूल शिक्षा विभाग को सुबह के सत्र में स्कूलों के समय पर विचार करने का निर्देश दिया था। इस पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, महाराष्ट्र, पुणे के माध्यम से राज्य के विभिन्न स्कूलों के समय में परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए अध्ययन किया गया। अध्ययन के दौरान राज्य के शिक्षा विशेषज्ञों, शिक्षा प्रेमियों, अभिभावकों और प्रशासनिक अधिकारियों की प्रतिक्रिया को रिकॉर्ड करने के लिए एक गुगल लिंक उपलब्ध कराया गया था। इस लिंक पर प्रतिक्रिया और विभिन्न शिक्षा विशेषज्ञों, शिक्षा प्रेमियों और पैरेंट्स के साथ चर्चा के बाद शिक्षा विभाग ने ये फैसला लिया है।
ये भी पढ़ें: Mumbai ONTV News: मीठी नदी पर 28 फ्लड गेट: मुंबई को बाढ़ से बचाने की तैयारी
कब से होगी इसकी शुरुआत?
बता दें कि ये नया समय 15 फरवरी 2024 से लागू होगा। सभी माध्यमों के साथ-साथ सभी प्रबंधन स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा 4 तक की कक्षाएं सुबह 9 बजे या रात 9 बजे के बाद आयोजित की जाएंगी। (Maharashtra ONTV News)
ये फैसला निश्चित रूप से छोटे-छोटे बच्चों के लिए फायदेमंद होगा। इससे उन्हें पर्याप्त नींद मिलेगी और वे पढ़ाई पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। वैसे सरकार के इस डिसीजन पर आपका क्या कहना है, हमें कमेंट कर जरूर बताएं।
ये भी पढ़ें: Sharad Pawar: घड़ी हाथ से निकली, लेकिन लड़ाई अभी बाकी!