महाराष्ट्र

सुरक्षा की गारंटी: उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं को मिलेगा 3 महीने का कराटे प्रशिक्षण!

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को अब 3 महीने का कराटे प्रशिक्षण
Credit: Hindustan
राज्य के गैरकृषि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को अब 3 महीने का कराटे प्रशिक्षण दिया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

महिलाओं की सुरक्षा हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। आए दिन महिलाओं के साथ अपराधों की खबरें सामने आती रहती हैं। ऐसे में छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करना बेहद जरूरी है।

राज्य के गैरकृषि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को अब 3 महीने का कराटे प्रशिक्षण दिया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ शैलेंद्र देवलाणकर ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। यह कदम छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

यह प्रशिक्षण छात्राओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने और उन्हें आपातकालीन परिस्थितियों में खुद का बचाव करने में सक्षम बनाने में मदद करेगा। राज्य में 12 लाख से अधिक छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं, जिन्हें इस प्रशिक्षण का लाभ मिलेगा।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 2014 में घोषित अपनी तीसरी महिला नीति में भी शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं को तीन महीने का कराटे प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया था। हालांकि, यह नीति घोषणा के बाद फाइलों तक ही सीमित रह गई थी।

सुराज्य निर्माण सेना के अध्यक्ष अमर एकाड ने छात्राओं को कराटे प्रशिक्षण देने की मांग करते हुए उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर आंदोलन की चेतावनी दी थी। जिसके बाद उच्च शिक्षा निदेशक ने फिर से आदेश जारी किए हैं।

इसके अलावा, राज्य के स्कूलों में भी 1 करोड़ से अधिक छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं। महिला नीति के अनुसार उन्हें भी कराटे का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे से भी आग्रह किया गया है कि वे शिक्षा संस्थानों को छात्राओं को कराटे का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करें।

यह कदम छात्राओं की सुरक्षा के लिए निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कदम है। उम्मीद है कि इससे छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे खुद का बचाव करने में सक्षम होंगी।

छात्राओं को कराटे प्रशिक्षण देने का यह कदम उनकी सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह छात्राओं को आत्मविश्वास और आत्मरक्षा के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करेगा।

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