मुंबई के अलावा, महाराष्ट्र के बाकी शहरों के नगर निगम चुनावों में अब एक वार्ड से चार पार्षद चुने जाएंगे।
नगर निगम हमारे शहरों को चलाते हैं। सड़कें बनाना, पानी पहुंचाना, साफ-सफाई रखना… ये सब नगर निगम के काम हैं। नगर निगम के लिए पार्षद जनता चुनती है। महाराष्ट्र में इन पार्षदों के चुनाव बहुत समय से अटके हुए हैं। इस बीच सरकार वार्ड के नियम बदलती रहती है, जिससे चुनाव की तारीख आगे बढ़ती ही जा रही है।
महाराष्ट्र की सरकार ने मुंबई (BMC) को छोड़कर, बाकी सभी नगर निगमों में एक वार्ड से चार पार्षद चुनने का नया नियम बना दिया है। राज्य की विधानसभा में इस बारे में एक बिल पास किया गया है।
सरकार का तर्क है कि इससे हर इलाके के लोगों को नगर निगम में अच्छे से अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। वहीं, विपक्षी दल इस बदलाव के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि सरकार जानबूझकर चुनाव नहीं करवा रही है और सिर्फ नियम बदलकर जनता को गुमराह कर रही है। विपक्ष चाहता है कि सरकार कोर्ट जाए और चुनाव करवाने की मांग करे।
सरकार की तरफ से उद्योग मंत्री उदय सामंत ने यह बिल विधानसभा में पेश किया। विपक्षी दलों के नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है। अभी किसी भी नगर निगम में चुनाव होने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
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महाराष्ट्र में नगर निगम के चुनाव को लेकर अभी उलझन बनी हुई है। जनता कब तक नए पार्षद चुन पाएगी, यह कहना मुश्किल है। नए नियमों से क्या फर्क पड़ेगा, यह तो चुनाव होने के बाद ही पता लगेगा।