मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना भारत की महत्वाकांक्षी हाई-स्पीड रेल परियोजना है, जिसका उद्देश्य देश में यात्रा के समय को कम करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। बुलेट ट्रेन मार्ग में महाराष्ट्र के कई महत्वपूर्ण हिस्से शामिल हैं जिनमें पालघर और ठाणे के क्षेत्र भी आते हैं।
पश्चिम रेलवे के अनुसार, मुंबई के पास शिल्फाटा से लेकर महाराष्ट्र-गुजरात सीमा पर ज़रोली गांव तक कुल 135 किमी की दूरी में बुलेट ट्रेन गलियारे के एलिवेटेड हिस्से पर निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह हिस्सा जटिल इंजीनियरिंग चुनौतियों से भरा है, जिसमें पहाड़ी सुरंगें, नदी पुल और एलिवेटेड स्टेशन शामिल हैं।
पश्चिम रेलवे ने इस परियोजना की कुछ प्रमुख बातें भी साझा की हैं:
- कुल लंबाई: 135 किमी
- वायाडक्ट और नदी पुल: 124 किमी
- विशेष क्रॉसिंग: लगभग 2 किमी के कुल 11 स्टील पुल
- स्टेशन: 3 एलिवेटेड स्टेशन – ठाणे, विरार और बोईसर
- माउंटेन टनल: कुल 6 किमी (लगभग) के कुल 6 सुरंगे
- सबसे लंबा नदी पुल: वैतरणा नदी पर 2.32 किमी, MAHSR परियोजना के तहत कुल मिलाकर 3.22 किमी
- अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की तिथि: 19 जुलाई, 2023
इस परियोजना में कई इंजीनियरिंग चुनौतियां हैं, जिसमें 6 पहाड़ी सुरंगें, 36 क्रॉसिंग (जिनमें से 11 स्टील पुल हैं) और उल्हास, वैतरणा और जोगनी जैसी प्रमुख नदियों पर नदी पुल शामिल हैं।
इस सेक्शन में बुलेट ट्रेन के तीन स्टेशन – ठाणे, विरार और बोइसर बनाए जाएंगे। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) के भीतर स्थित ये स्टेशन हजारों निवासियों के दैनिक आवागमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस क्षेत्र में यातायात के साधनों के रूप में लोकल ट्रेनें, कारें और सिटी बसों का उपयोग किया जाता है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का काम नवंबर 2021 में शुरू होने के बाद से लगातार जारी है।