मुंबई की सड़कों पर तो जैसे ट्रैफिक थमने का नाम ही नहीं लेता! गाड़ियों के शोर, हॉर्न की आवाज़…अब इसमें बेचारे साइकिल वाले कहाँ जाएँ? ऊपर से, कुछ वाहन चालक साइकिल को सड़क पर बोझ ही समझते हैं। लेकिन, हाल ही में हुई एक दुखद घटना ने मुंबई के साइकिल समुदाय को जगा दिया है। उनके साथी अवतार सैनी अब इस दुनिया में नहीं रहे – एक सड़क दुर्घटना ने उनकी जान ले ली। इसके बाद से मुंबई के साइकिल चालकों ने सुरक्षा को लेकर कमर कस ली है!
अरे भई, मुंबई में इन साइकिल वालों ने तो तहलका ही मचा दिया है! मंत्रालय के पास प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं मिली, तो इन्होंने बिलकुल जुगाड़ू तरीके से सुरक्षा को लेकर आवाज़ उठाने का नया आइडिया निकाल लिया। यकीन मानिए, ये तरीका कमाल का है!
मुंबई साइक्लिंग एंथुज़ियास्ट्स के अध्यक्ष चेतन शाह बताते हैं कि वे पहले सरकार के लोगों से मिलना चाहते थे, ताकि साइकिल वालों के लिए सुविधाओं के बारे में बात कर सकें। मगर ये मुमकिन नहीं हो पाया। पर हार कहाँ मानने वाले हैं ये लोग! अब इन्होंने सुरक्षा का संदेश जनता तक पहुंचाने की ठान ली है।
आमतौर पर लोग हॉर्न बजा-बजा कर अपना रास्ता बनाते हैं, लेकिन ये साइकिल वाले तो अब अपनी घंटी को ही अपनी आवाज बनाएंगे! ये चाहते हैं कि लोग साइकिल चालकों को भी उतना ही महत्व दें। साथ ही, एक फ़िल्म भी बना रहे हैं जिसमें उनकी सुरक्षा का संदेश होगा। और तो और, अब ये हज़ारों कार स्टिकर भी बांट रहे हैं ताकि सबको अपनी बात समझा सकें!
बात ये है कि मुंबई में साइकिल लेन हैं तो सही, पर उनकी हालत देख कर डर लगता है। इतने गड्ढे और खराब सतह कि इनमें चलना मुश्किल है! मजबूरन, इन्हें गाड़ियों के साथ लेन शेयर करनी पड़ती है, जिससे जान का खतरा रहता है।
वाह रे साइकिल वालों, क्या जुगाड़ भिड़ाया है! इनकी बात तो सरकार को भी सुननी पड़ेगी! चलो, अब देखते हैं कि मुंबई की सड़कें साइकिल के लिए कितनी सुरक्षित हो पाती हैं। तब तक, थोड़ी घंटी बजाते चलो!