मुंबई रेलवे: मुंबई की लोकल ट्रेनें सिर्फ सफर का साधन ही नहीं हैं, बल्कि भीड़-भाड़ का फायदा उठाकर कुछ शातिर अपराधी यात्रियों को अपना शिकार भी बना लेते हैं। जेब काटने से लेकर मोबाइल, सामान की चोरी जैसी घटनाएं आम हैं। लेकिन यात्रियों की सुरक्षा की खातिर पश्चिम रेलवे का सुरक्षा बल (RPF) अब हाई-टेक हो गया है, और इसका असर दिखने भी लगा है।
पश्चिम रेलवे के RPF ने साल की शुरुआत में ही यात्रियों के खिलाफ अपराध में लिप्त 121 लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। इस दौरान यात्रियों से चुराया गया लगभग 44 लाख रुपये का सामान भी बरामद किया गया है। यह सफलता रेलवे स्टेशनों पर लगे अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरों की देन है। इनमें से करीब 500 कैमरों में ‘चेहरा पहचान’ (Facial Recognition) की तकनीक भी है, जो अपराधियों के रिकॉर्ड्स से चेहरा मिलाकर उनकी पहचान करने में मदद करती है।
खास बात यह है कि आधे से ज्यादा मामलों का खुलासा अकेले मुंबई सेंट्रल डिवीजन में हुआ है। यह RPF की सक्रियता और तकनीक के सही इस्तेमाल का ही नतीजा है। RPF के अधिकारी बताते हैं कि इस सफलता के बाद यात्रियों के बीच सुरक्षा की भावना भी बढ़ी है।
ऑपरेशन यात्री सुरक्षा का असर: पश्चिम रेलवे ने यात्रियों को लूटपाट से बचाने के लिए जोर-शोर से ‘ऑपरेशन यात्री सुरक्षा’ चलाया हुआ है। करीब 4000 सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया गया है जिससे स्टेशनों पर संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा सके।
अंधेरी का कुख्यात चोर: अंधेरी स्टेशन पर RPF के क्राइम प्रिवेंशन एंड डिटेक्शन स्क्वाड (CPDS) ने हाल ही में एक ऐसे चोर को गिरफ्तार किया जिसने कई यात्रियों के मोबाइल उड़ा लिए थे। सीसीटीवी फुटेज से पहचान के बाद पकड़े गए इस शख्स से ₹90,000 के मोबाइल बरामद हुए हैं।
सतर्कता की जरूरत: रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील करते हुए कहा है कि सामान की सुरक्षा का एक हिस्सा उन्हें भी निभाना होगा। भीड़ में सतर्क रहें, और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि को तुरंत RPF को रिपोर्ट करें।