आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की दुनिया में हलचल मची हुई है। एक्सेंचर नाम की कंपनी ने एक ऐसा काम कर दिखाया है जिससे सब हैरान हैं। कंपनी ने जेनएआई, जो AI का ही एक नया और चर्चित हिस्सा है, उससे जुड़े 1 अरब डॉलर से भी ज्यादा के सौदे कर लिए हैं! आइए समझते हैं कि यह खबर क्यों बड़ी बात है और एक्सेंचर ने आखिर यह कैसे किया।
जेनएआई…यह शब्द थोड़ा नया है, तो चलिए पहले इसे समझ लेते हैं। जेनएआई असल में कंप्यूटर से जुड़ी तकनीक का एक रूप है, जिससे इंसानों जैसे टेक्स्ट, तस्वीरें, यहां तक कि कोड भी बन सकते हैं। आपने ChatGPT का नाम सुना होगा, यह इसी जेनएआई का एक हिस्सा है। बड़ी-बड़ी कंपनियां इस तकनीक के जरिए अपने काम आसान और आधुनिक बनाना चाहती हैं। एक्सेंचर जैसी कंपनियां इन बड़ी कंपनियों की जेनएआई को अपनाने में मदद करती हैं।
अब बात करते हैं कैसे एक्सेंचर ने यह कर दिखाया। सबसे बड़ी वजह है कि कंपनी ने जेनएआई तकनीक पर बहुत पहले से ध्यान देना और निवेश करना शुरू कर दिया था। जब दूसरे सोच रहे थे, तब एक्सेंचर आगे बढ़ चुका था। दूसरी वजह है कि वे सिर्फ जेनएआई बेचते नहीं हैं, बल्कि खुद भी इसका इस्तेमाल अपने काम में करते हैं। इससे ग्राहकों को लगता है कि एक्सेंचर को खुद इस तकनीक पर भरोसा है। इसके अलावा, बड़े ग्राहकों को लुभाने और उनका विश्वास जीतने में भी यह कंपनी माहिर है।
एक्सेंचर की इस कामयाबी पर जानकारों का कहना है कि इससे यह साबित होता है कि जेनएआई कोई गुजरने वाला फैशन नहीं है, बल्कि आने वाले समय में इसका इस्तेमाल और भी बढ़ेगा। जो कंपनियां आगे की तैयारी करेगीं, वे ही इस होड़ में टिक पाएंगी। हालांकि, कुछ जानकार ऐसा भी मानते हैं कि जितनी तेजी से कंपनियां जेनएआई अपनाने की कोशिश कर रही हैं, उतनी जल्दी उनको अच्छे नतीजे नहीं मिलेंगे। इसमें लगातार काम करने की जरूरत है।
एक्सेंचर जैसी बड़ी कंपनी की सफलता को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत की आईटी कंपनियां भी जेनएआई की तरफ कदम बढ़ाएंगी। TCS, इंफोसिस जैसी कंपनियों ने अभी इस बारे में खास जानकारी नहीं दी है, लेकिन आने वाले समय में बड़े ऐलान हो सकते हैं।