शेयर बाजार में IPO की भले ही धूम रही हो, लेकिन कंपनियां पैसा जुटाने के लिए बॉन्ड मार्केट को ज्यादा पसंद कर रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2024 में कंपनियों ने बॉन्ड के जरिए करीब 9.41 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि शेयर बाजार से उन्होंने सिर्फ 1.86 लाख करोड़ रुपये ही जुटा पाए हैं।
कंपनियों को अपने कामकाज को बढ़ाने या नई योजनाओं के लिए पैसों की जरूरत होती है। ये पैसा वो अलग-अलग तरीकों से जुटाती हैं। शेयर बाजार में IPO के जरिए कंपनियां पहली बार अपने शेयर बेचती हैं। वहीं, बॉन्ड मार्केट में कंपनियां एक तरह का उधार (कर्ज) लेती हैं, जिस पर उन्हें निवेशकों को ब्याज देना होता है।
आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 में नाबार्ड ने सबसे बड़ी रकम (51,855 करोड़ रुपये) बॉन्ड मार्केट के जरिए जुटाई। HDFC और REC जैसी बड़ी कंपनियों ने भी बॉन्ड मार्केट से काफी पैसा जुटाया है। इसके अलावा, पब्लिक बॉन्ड मार्केट में भी अच्छी तेजी देखने को मिली है।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता रहता है जिससे निवेशकों का जोखिम (risk) बढ़ जाता है। जबकि बॉन्ड मार्केट को थोड़ा कम जोखिम वाला माना जाता है। पिछले साल से ब्याज दरें बढ़ रही हैं, जिसकी वजह से इस समय कंपनियों के लिए बॉन्ड के जरिए पैसा जुटाना आकर्षक लग रहा है।
IPO में फायदा-नुकसान निवेशक को होता है, जबकि बॉन्ड के जरिए कंपनी को ब्याज देना पड़ता है। जिन कंपनियों का रिकॉर्ड अच्छा होता है, उन्हें बॉन्ड मार्केट में आसानी से पैसा मिल जाता है। QIP, InvITs और ReITs के जरिए भी इस साल कंपनियों ने पहले से काफी ज्यादा पैसा जुटाया है।