सुनने में आ रहा है कि डिफेंस सेक्टर में पैसा लगाने वालों के अच्छे दिन आने वाले हैं! एक बड़ी इंटरनेशनल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज भारत के डिफेंस के मैदान में काफी उत्साहित नजर आ रही है। दरअसल, सरकार अब “मेक इन इंडिया” के तहत अपने ही देश में तलवारें और टैंक बनाने पर ज़ोर दे रही है। इससे देसी डिफेंस कंपनियों को बड़ा बल मिलने वाला है, मानो सोने का कवच पहना दिया हो!
हर देश के लिए डिफेंस सेक्टर उसकी ढाल और तलवार होता है। इसी सेक्टर के ज़रिए सेना को वो ताकत मिलती है, जिससे वो देश की रक्षा कर सके। पहले भारत ज़्यादातर हथियार और डिफेंस सामान दूसरे देशों से मंगवाता था, लेकिन अब सरकार का मिशन है कि अधिकांश चीज़ें “घर के मैदान” पर ही तैयार हों।
जेफरीज के दिग्गजों का मानना है कि सरकार के इस “मेक इन इंडिया” दांव से डिफेंस कंपनियों के सितारे बुलंदियों को छूने वाले हैं। उनकी राय में HAL, BEL और डेटा पैटर्न्स जैसी कंपनियों के लिए ये “सुनहरे कवच” का समय है, यानि इनमें निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। तो आइए उन 4 मुख्य वजहों को जानते हैं जिनकी वजह से जेफरीज डिफेंस सेक्टर को लेकर इतना उत्साहित है:
खर्चों का बख्तर: डिफेंस पर होने वाला भारत का खर्च एशिया में दूसरे और दुनिया में तीसरे नंबर पर है। मानो युद्ध का मैदान जीतने के लिए देश खूब तैयारी कर रहा हो!
घरेलू मैदान पर दांव: सरकार “मेक इन इंडिया” के नारे के साथ डिफेंस सामान अब अपने ही देश में बनाने पर ज़ोर दे रही है।
एक्सपोर्ट का तीर: भारत पिछले कुछ समय से डिफेंस सामान का एक्सपोर्ट भी बढ़ा रहा है, मानो दूर देशों तक अपना शौर्य दिखाने निकल पड़ा हो।
नए बाजारों की तलाश: मध्य-पूर्व के देश डिफेंस के सामानों के बड़े खरीददार हैं, जहां भारत अपने व्यापार का विस्तार कर सकता है।
अगर सरकार की ये योजना सफल होती है, तो डिफेंस कंपनियों की तिजोरियां भरने वाली हैं। इससे देश में न सिर्फ रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होगी। हालांकि, ये भी ध्यान रखना होगा कि डिफेंस सेक्टर का सीधा संबंध दुनिया के हालात से भी होता है। अगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युद्ध या तनाव बढ़ता है, तो इसका असर इस क्षेत्र पर भी पड़ सकता है।
डिफेंस कंपनियों के शेयरों ने पिछले कुछ सालों में काफी तेजी देखी है।
डिफेंस सेक्टर में पैसा लगाने का फैसला करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह लेना और खुद भी अच्छी तरह रिसर्च करना ज़रूरी है।