महाराष्ट्र

अमरावती में मासूम बच्ची के पेट से निकला आधा किलो बालों का गुच्छा, डॉक्टर भी रह गए हैरान!

अमरावती
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महाराष्ट्र के अमरावती से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो सुनकर हर कोई हैरान है। एक 10 साल की मासूम बच्ची के पेट से डॉक्टरों ने सर्जरी कर लगभग आधा किलोग्राम बालों का गुच्छा निकाला है। ये कहानी न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि उस बच्ची की हिम्मत और डॉक्टरों की मेहनत की मिसाल भी है। आइए, इस अनोखी और भावुक कहानी को करीब से जानते हैं।

पांच-छह महीनों से थी तकलीफ
कहानी शुरू होती है अमरावती शहर की एक छोटी सी बच्ची से, जिसके माता-पिता उसकी सेहत को लेकर चिंतित थे। पिछले पांच-छह महीनों से बच्ची को उल्टियां हो रही थीं, भूख नहीं लग रही थी, और उसका वजन भी तेजी से कम हो रहा था। माता-पिता ने उसे कई जगह दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरकार, 20 दिन पहले उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

डॉक्टरों की जांच और बच्ची का चौंकाने वाला खुलासा
अस्पताल में बाल रोग सर्जन डॉ. उषा गजभिये ने बच्ची की जांच शुरू की। मेडिकल टेस्ट और काउंसलिंग के दौरान बच्ची ने एक ऐसा राज खोला, जिसे सुनकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। उसने बताया कि उसे लंबे समय से अपने बाल खाने की आदत थी। इस आदत की वजह से उसके पेट में बालों का एक बड़ा सा गुच्छा जमा हो गया था, जो एक गेंद की तरह बन गया था।

सर्जरी ने बचाई बच्ची की जान
डॉ. गजभिये और उनकी टीम ने तुरंत सर्जरी का फैसला किया। 29 जुलाई को की गई इस जटिल सर्जरी में बच्ची के पेट से लगभग आधा किलो बालों का गुच्छा निकाला गया। ये सुनकर यकीन करना मुश्किल है कि इतनी छोटी बच्ची के पेट में इतना बड़ा गुच्छा कैसे जमा हो गया! सर्जरी पूरी तरह सफल रही, और डॉक्टरों ने बालों को हटाकर बच्ची की जान बचा ली।

अब मुस्कुरा रही है मासूम
सर्जरी के बाद बच्ची की हालत में तेजी से सुधार हुआ। अब वो ठीक से खाना खा पा रही है, और उसे कोई अन्य समस्या नहीं है। डॉ. गजभिये ने बताया कि बच्ची जल्द ही अस्पताल से छुट्टी पा लेगी। ये खबर बच्ची के परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।

एक सबक और उम्मीद की किरण
ये कहानी न केवल एक मेडिकल चमत्कार की कहानी है, बल्कि ये भी बताती है कि बच्चों की छोटी-छोटी आदतें कितनी खतरनाक हो सकती हैं। माता-पिता को अपने बच्चों की हर छोटी-बड़ी आदत पर नजर रखनी चाहिए। साथ ही, ये कहानी डॉक्टरों की मेहनत और मासूम बच्ची की हिम्मत की जीत है।

अमरावती की इस नन्हीं सी बच्ची ने मुश्किलों को हराकर एक नई जिंदगी पाई है। उसकी मुस्कान और डॉक्टरों का समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।

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