मुंबई: समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक अबू आजमी को बड़ी राहत मिली है। मुंबई की एक अदालत ने उन्हें औरंगजेब की प्रशंसा करने वाले बयान को लेकर दर्ज केस में अग्रिम जमानत दे दी है। हालांकि, कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं और 20 हजार रुपये का जमानत मुचलका भरने का निर्देश दिया है।
आजमी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 (धार्मिक विश्वासों का अपमान), 302 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 356(2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामला मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था, जिसके बाद आजमी ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट का रुख किया।
अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर क्या कहा था?
अबू आजमी ने एक बयान में कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमार) तक फैली हुई थीं। उन्होंने ये भी दावा किया कि उस समय भारत की ग्लोबल जीडीपी में हिस्सेदारी 24% थी और भारत को “सोने की चिड़िया” कहा जाता था। इसके अलावा, उन्होंने औरंगजेब और छत्रपति संभाजी महाराज के बीच हुए युद्ध को राजनीतिक लड़ाई बताया था। उनकी इस टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हंगामा मच गया और विधानसभा में भारी विरोध हुआ।
कोर्ट ने अबू आजमी पर क्या शर्तें लगाईं?
मुंबई की अदालत ने आजमी को अग्रिम जमानत देते हुए कुछ शर्तें लागू की हैं –
20 हजार रुपये का सॉल्वेंट जमानत बांड भरना होगा।
12, 13 और 15 मार्च को उन्हें मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगानी होगी।
पुलिस जांच में संपूर्ण सहयोग देना होगा।
विधानसभा से पहले ही निलंबित हो चुके हैं अबू आजमी
अबू आजमी की इस टिप्पणी के कारण महाराष्ट्र विधानसभा ने उन्हें 26 मार्च तक निलंबित कर दिया था।
सत्ता पक्ष के विधायकों ने उनकी औरंगजेब की तारीफ को छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान बताया था।
आजमी ने बाद में अपनी टिप्पणी वापस ले ली, लेकिन इसके बावजूद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
राजनीति में नया मोड़?
अबू आजमी की इस टिप्पणी ने महाराष्ट्र की राजनीति में भारी हलचल मचा दी है।
एक तरफ कोर्ट से मिली राहत उनके लिए सकारात्मक खबर हो सकती है, तो दूसरी तरफ उनके बयान को लेकर विवाद अभी भी थमता नजर नहीं आ रहा।
क्या ये मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति को और गरमा देगा?
ये देखना दिलचस्प होगा! अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ विवाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत भले ही राहत हो, लेकिन उनकी टिप्पणी पर विरोध जारी रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में इस मामले पर और क्या मोड़ आता है, यह देखना बाकी है। वैसे आपका क्या कहना है इस पूरे मामले पर? कमेंट में जरूर बताएं।
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