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आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’, योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, 'बंटेंगे तो कटेंगे', योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बंटेंगे तो कटेंगे” वाले बयान का कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने समर्थन किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विवादास्पद बयान “बंटेंगे तो कटेंगे” का समर्थन करते हुए कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। योगी आदित्यनाथ ने यह बयान बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हुईं अत्याचार की घटनाओं के संदर्भ में दिया था। आचार्य प्रमोद ने इस बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सनातन धर्म और भारत एक-दूसरे से अलग नहीं हो सकते, और यदि सनातन कमजोर हुआ तो भारत भी कमजोर हो जाएगा।

योगी आदित्यनाथ का बयान: ‘बंटेंगे तो कटेंगे’

मुख्यमंत्री के विचार

योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत को बांग्लादेश से सबक लेना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि हम बंट गए तो हमारी सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी, जबकि एकजुट रहकर ही हम सुरक्षित और समृद्ध हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं है, और समाज, जाति, भाषा के नाम पर विभाजन करने वाली ताकतों से सावधान रहना होगा।

आचार्य प्रमोद कृष्णम का समर्थन

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान का समर्थन करते हुए कहा कि जब तक सनातन धर्म शक्तिशाली है, तब तक भारत भी शक्तिशाली रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि सनातन धर्म कमजोर हुआ तो भारत भी बंट जाएगा। आचार्य ने इस बात पर जोर दिया कि इतिहास में भारत के गुलाम बनने का कारण बाहरी आक्रमणकारियों की बहादुरी नहीं, बल्कि आंतरिक गद्दारी थी।

अखिलेश यादव का तंज और आचार्य का जवाब

अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि जिम्मेदार लोगों का काम डर फैलाना नहीं, बल्कि लोगों को भय से बचाना होता है। उन्होंने योगी के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया और कहा कि यदि यह विचार उनके निजी हैं तो यह गलत है, और यदि यह उनके दल के विचार हैं, तो यह और भी गलत है।

आचार्य का उत्तर

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अखिलेश यादव के तंज का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी कहा है, वह इतिहास के सबक को ध्यान में रखकर कहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह न तो समाज को बंटने देंगे और न ही किसी को कटने देंगे।

सनातन धर्म और भारत की एकता पर आचार्य की चिंता

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने विचारों को विस्तार से रखते हुए कहा कि सनातन धर्म और भारत की एकता को बनाए रखना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत उसकी सांस्कृतिक और धार्मिक एकता में निहित है, और इसे बनाए रखने के लिए समाज के सभी हिस्सों को मिलकर काम करना चाहिए।


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