हिंडनबर्ग रिपोर्ट की चुनौतियों का सामना करते हुए, अडाणी ग्रुप अब अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड बाज़ार से लगभग $1 बिलियन (1 अरब डॉलर) जुटाने का प्रयास कर रहा है। निवेशकों के साथ बातचीत शुरू हो चुकी है, और फंड जुटाने की योजना है।
अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों से कर्ज़ लेने के लिए कंपनियां बॉन्ड जारी करती हैं। ये एक तरह के निवेश होते हैं, जिनमें निवेशक अपना पैसा एक निश्चित अवधि के लिए लगाते हैं, और उन पर ब्याज मिलता है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
अडाणी ग्रुप की तीन प्रमुख कंपनियां बॉन्ड जारी करने की तैयारी में हैं – अदाणी एंटरप्राइजेज़, अदाणी पोर्ट्स, और अदाणी ग्रीन एनर्जी । अडाणी ग्रुप इस कर्ज़ को अपनी विभिन्न परियोजनाओं में लगाना चाहता है। इस पूरी प्रक्रिया के जून तिमाही तक पूरी होने की संभावना है।
इस कदम से पता चलता है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद भी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अडाणी ग्रुप के प्रति कुछ निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। अडाणी ग्रीन एनर्जी को इस फंडिंग से सबसे ज़्यादा लाभ मिलने की उम्मीद है, जो कंपनी के ‘ग्रीन’ क्षेत्र में विस्तार की योजना के अनुरूप है। ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए भी पहली बार अडाणी ग्रुप विदेशी बॉन्ड के ज़रिए रकम जुटाने का प्रयास कर रहा है।
अडाणी ग्रुप पर पहले से ही विदेशी बॉन्ड के रूप में लगभग $9 बिलियन का कर्ज है, जिसकी मैच्योरिटी 2041 तक है। फरवरी में भी ग्रुप ने $409 मिलियन डॉलर के बॉन्ड जारी करने की घोषणा की थी।