अडाणी ग्रुप की सहायक कंपनी अडाणी टोटल गैस लिमिटेड (ATGL) ने उत्तर प्रदेश के बरसाना में अपना अत्याधुनिक बायोगैस प्लांट शुरू किया है। इस प्लांट में रोजाना 225 टन कृषि कचरे को प्रोसेस किया जाएगा। कृषि कचरे के इस प्रसंस्करण से 10 टन बायोगैस का उत्पादन होगा जो स्वच्छ ऊर्जा का एक बेहतरीन विकल्प है।
बरसाना बायोगैस प्लांट ₹200 करोड़ की लागत से निर्मित एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसे तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद, यह भारत में कृषि कचरे से बायो-सीएनजी बनाने वाला सबसे बड़ा प्लांट होगा। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस प्लांट में प्रतिदिन 600 टन जैविक कचरे (ऑर्गेनिक वेस्ट) से 42 टन कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) और साथ ही 217 टन जैविक खाद का उत्पादन करने की क्षमता होगी।
बरसाना प्लांट जैविक कचरे के निपटान और स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन, दोनों चुनौतियों का समाधान करता है। कृषि कचरे से उत्पन्न बायोगैस न केवल पर्यावरण के लिए लाभदायक है, बल्कि यह जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगी। इसके अतिरिक्त, इस प्रक्रिया के दौरान बड़ी मात्रा में उत्पादित जैविक खाद का उपयोग खेती में किया जा सकता है। यह खाद रासायनिक खाद का सस्ता और टिकाऊ विकल्प है।
अडाणी टोटल गैस का बरसाना प्लांट भारत में हरित ऊर्जा (Green Energy) क्षेत्र के विकास के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे न सिर्फ पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि इस परियोजना से स्थानीय समुदाय को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। यह पहल ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भरता के भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में भी मदद करेगी।
बरसाना बायोगैस प्लांट अडाणी टोटल एनर्जीज बायोमास लिमिटेड (ATBL) की पहली सुविधा है। कंपनी बायो-सीएनजी के क्षेत्र में बड़े निवेश के साथ भारत की अग्रणी स्वच्छ ऊर्जा प्रदाता बनने का लक्ष्य रखती है। अडाणी ग्रुप नवीकरणीय ऊर्जा के अलावा, धातु उद्योग में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। ‘कच्छ कॉपर’ नामक कंपनी ने हाल ही में गुजरात के मुंद्रा में ग्रीनफील्ड कॉपर रिफाइनरी प्रोजेक्ट का भी शुभारंभ किया है।