महाराष्ट्र के बदले हुए परिदृश्य में स्कूलों की सुरक्षा को और भी सख्त बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। इन गाइडलाइन्स का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, खासकर हाल ही में घटित बदला पुर स्कूल की घटना के बाद। सरकार ने स्कूलों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए कई नए कदम उठाए हैं, जिनका पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
नई गाइडलाइन्स और उनकी प्रमुख बातें
बदला पुर की घटना के मद्देनजर, महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। इन गाइडलाइन्स के तहत, 6 साल तक के बच्चों के लिए महिला सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा, स्कूलों में “इंटरनल कम्प्लेंट कमेटी” (ICC) के तर्ज़ पर एक नई कमेटी के गठन की सिफारिश की गई है, जो कार्यस्थलों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए POSH एक्ट के तहत अनुशंसित है।
सरकार ने राज्य स्तर पर एक सात सदस्यीय सुरक्षा समिति का गठन भी किया है, जिसकी अध्यक्षता स्कूल शिक्षा आयुक्त करेंगे। यह समिति स्कूलों में सभी सुरक्षा उपायों के सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगी और हर तीन महीने में समीक्षा करेगी, जबकि स्थानीय शिक्षा अधिकारियों को हर महीने समीक्षा करनी होगी।
स्कूलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त उपाय
सरकार के द्वारा जारी सरकारी रिजोल्यूशन (GR) में अन्य महत्वपूर्ण उपायों का भी उल्लेख किया गया है, जैसे स्कूलों में CCTV का इंस्टॉलेशन और सभी स्टाफ का बैकग्राउंड वेरिफिकेशन। यह सुनिश्चित किया गया है कि सिर्फ CCTV कैमरों का इंस्टॉलेशन ही नहीं बल्कि उनकी नियमित मेंटेनेंस और सही स्थिति में होना भी जरूरी है। स्कूल प्रिंसिपल्स को हफ्ते में कम से कम तीन बार CCTV फुटेज की जांच करनी होगी और किसी भी अनहोनी की स्थिति में उसे तुरंत रिपोर्ट करना होगा।
स्कूलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे बच्चों को यौन उत्पीड़न के बारे में जागरूक करें और शिकायत बॉक्स की जानकारी दें ताकि बच्चे अपनी शिकायतें दर्ज कर सकें। यह नई ICC समितियां स्कूलों में पहले से मौजूद “सखी सावित्री कमेटी” से अलग होंगी।
महाराष्ट्र सरकार की ये नई गाइडलाइन्स बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का एक सकारात्मक कदम है। बदला पुर की घटना ने जिस तरह से सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ाई हैं, इन गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। इन उपायों के साथ, सरकार ने एक सख्त संदेश दिया है कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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