महाराष्ट्र

अजित पवार ने शरद पवार को दिया भगवान का दर्जा, जानें फिर क्यों अलग हुए दोनों

अजित पवार
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने हाल ही में अपने चाचा शरद पवार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जिसने सियासी गलियारों में चर्चा तेज कर दी है। पिंपरी में विधानसभा उपाध्यक्ष अन्ना बनसोडे के अभिनंदन समारोह के दौरान अजित पवार ने कहा, “मैं कल भी शरद पवार को भगवान मानता था और आज भी मानता हूँ।” ये बयान उस समय आया है जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन के बाद भी दोनों गुटों के बीच संवाद और एकता की संभावनाएँ तलाशी जा रही हैं। आइए, इस बयान के पीछे की कहानी और इसके मायने समझते हैं।

शरद पवार: दोनों गुटों के लिए प्रेरणा स्रोत
शिवसेना के बाद एनसीपी में हुए विभाजन ने महाराष्ट्र की राजनीति को नया मोड़ दिया था। इसके बावजूद, अजित पवार और शरद पवार गुट के नेता समय-समय पर एक-दूसरे से मिलते रहे हैं और संवाद बनाए रखते हैं। दोनों गुट शरद पवार को अपने लिए भगवान की तरह मानते हैं। इसी वजह से ये कयास लगाया जाता रहा है कि क्या एनसीपी के दोनों गुट भविष्य में फिर से एक हो सकते हैं। अजित पवार का ये ताजा बयान इन अटकलों को और हवा दे रहा है।

“मोदी जैसा नेता देश को मिला है” – अजित पवार ने की पीएम की तारीफ
अजित पवार ने अपने भाषण में न सिर्फ शरद पवार की तारीफ की, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “हम अपने परिवार में शरद पवार को हमेशा भगवान मानते आए हैं, लेकिन आज देश को नरेंद्र मोदी जैसा नेता मिला है। उनकी वजह से दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। मुझे उनके साथ कहीं न कहीं रहना है, इसलिए हमने ये निर्णय लिया।” अजित पवार का ये बयान उनके बीजेपी के साथ गठबंधन को मजबूत करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

उन्होंने वैश्विक चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा, “अमेरिका द्वारा आयात शुल्क में अचानक बढ़ोतरी से कई देश प्रभावित हो रहे हैं। कोरोना के बाद ये एक नया संकट है। लेकिन पीएम मोदी के विभिन्न देशों से अच्छे संबंधों का फायदा हमें जरूर मिलेगा।” ये बयान दर्शाता है कि अजित पवार मौजूदा हालात में केंद्र सरकार के साथ सहयोग को कितना अहम मानते हैं।

“कुछ लोग अभी भी खेती शुरू कर रहे हैं” – अजित पवार का तंज
अजित पवार ने अपने भाषण में कुछ लोगों पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा, “भले ही हमने निर्णय ले लिया हो, लेकिन कुछ लोग अभी भी अपनी खेती शुरू कर रहे हैं। ऐसा मत करो। देखो, अन्ना तालाब और बगीचे में रहने के बजाय कहाँ पहुँच गए।” ये बयान संभवतः उन लोगों पर निशाना था जो उनके फैसले से असहमत हैं या पार्टी में अपनी अलग राह बना रहे हैं।

अन्ना बनसोडे को दी सलाह: “जागरूकता से करें काम”
कार्यक्रम में अन्ना बनसोडे के सफर की तारीफ करते हुए अजित पवार ने कहा, “एक सामान्य परिवार से आने वाले अन्ना ने कई उतार-चढ़ाव देखे और आज विधानसभा उपाध्यक्ष के पद तक पहुँचे हैं।” उन्होंने अन्ना को सलाह दी कि अब ऊँचे पद पर पहुँचने के बाद उन्हें जागरूकता के साथ काम करना होगा। “सबकी नजर आपके व्यवहार और वाणी पर होगी। अपने बच्चों को भी समझाएँ। अगर परिवार का कोई सदस्य कुछ गलत करता है, तो बदनामी आपकी होगी।”

कानून-व्यवस्था पर जोर: “पुणे में शांति बनाए रखें”
अजित पवार ने कानून-व्यवस्था को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “इस तरह का गैंग, उस तरह का गैंग यहाँ काम नहीं करेगा। पुणे में कानून और व्यवस्था बनाए रखें।” ये बयान शहर में शांति और सुरक्षा को लेकर उनकी गंभीरता को दर्शाता है।

क्या एनसीपी में फिर होगी एकता?
अजित पवार का ये बयान न सिर्फ शरद पवार के प्रति उनकी श्रद्धा को दर्शाता है, बल्कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में उनके फैसलों को भी स्पष्ट करता है। शरद पवार को भगवान मानने की बात हो या पीएम मोदी की तारीफ, अजित पवार ने साफ कर दिया कि वो व्यक्तिगत सम्मान और राजनीतिक रणनीति को अलग-अलग रखते हैं। अब सवाल ये है कि क्या भविष्य में एनसीपी के दोनों गुट फिर से एकजुट होंगे? ये तो वक्त ही बताएगा।

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