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जेल से बाहर आने के लिए बेताब अमृतपाल सिंह! कोर्ट में लगाएंगे अपनी रिहाई की नई गुहार

जेल से बाहर आने के लिए बेताब अमृतपाल सिंह! कोर्ट में लगाएंगे अपनी रिहाई की नई गुहार

असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह अब अपनी रिहाई के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है। पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद अमृतपाल ने अब कोर्ट में अर्जी लगाने का फैसला किया है ताकि वह सांसद की शपथ ले सके।

सांसद बनने का आधार बनाकर मांगेगा रिहाई

सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह असम की जेल से अस्थाई जमानत की मांग करते हुए पंजाब सरकार को पत्र लिखने जा रहा है। उसकी योजना राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की धारा 15 के तहत अस्थायी रिहाई की गुहार लगाने की है। उसके वकील, ईमान सिंह खारा ने बताया कि एक या दो दिन में वह इस पत्र को फाइल करेंगे।

‘वारिस पंजाब दे’ संगठन पर कब्जा

अमृतपाल सिंह ने खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू की एक्सिडेंट में मौत के बाद उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ पर कब्जा कर लिया था। जरनैल सिंह भिंडरावाले की तर्ज पर उसने पंजाब के सिखों को भड़काना शुरू किया, जिससे वहां हिंसा का ग्राफ बढ़ गया। इसके चलते उसके और उसके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज कर धरपकड़ शुरू की गई। फिलहाल, अमृतपाल सिंह अपने 9 सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

जेल में रहते हुए जीता चुनाव

जेल में रहते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और कांग्रेस के उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को हराया। इस चुनाव में उसे 4 लाख 4 हजार 430 वोट मिले, जबकि जीरा को 2 लाख 7 हजार 310 वोट मिले। उसकी जीत से खालिस्तान समर्थकों के हौंसले बुलंद हो गए हैं।

परिवार और समर्थकों की उम्मीदें

अमृतपाल की जीत के बाद उसके माता-पिता और खालिस्तान समर्थक उम्मीद कर रहे हैं कि अब वह जल्दी ही जेल से बाहर आ जाएगा और पहले की तरह पंजाब में अलगाववादी गतिविधियों को तेज कर सकेगा। उससे मिलने के लिए उसके पिता तरसेम सिंह और माता बलविंदर कौर असम पहुंचे और उसे जीत की बधाई दी।

अमृतपाल सिंह की इस कहानी ने पंजाब और देश के राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। देखना होगा कि कोर्ट का फैसला क्या होता है और क्या अमृतपाल सिंह अपने मकसद में कामयाब हो पाता है।

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