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Anna Hazare on Kejriwal: अन्ना हजारे का केजरीवाल पर तंज – ‘शराब के कारण’ AAP की करारी हार!

Anna Hazare on Kejriwal: अन्ना हजारे का केजरीवाल पर तंज - 'शराब के कारण' AAP की करारी हार!

Anna Hazare on Kejriwal: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार मिली है। इस हार के बाद राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। बीजेपी ने भारी बहुमत से दिल्ली में सत्ता हासिल कर ली है, वहीं अरविंद केजरीवाल खुद अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। इस हार पर अब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और उन्होंने AAP की हार के पीछे कई अहम कारण गिनाए हैं।

अन्ना हजारे ने साफ कहा कि आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन इसलिए खराब रहा क्योंकि पार्टी के नेता लालच, घोटालों और राजनीतिक विवादों में उलझ गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर AAP के नेताओं ने उनकी सलाह मानी होती तो आज यह हाल नहीं होता

अन्ना हजारे ने क्या कहा?

अन्ना हजारे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं हमेशा से कहता आया हूं कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार का चरित्र बेदाग होना चाहिए। उसकी नीयत साफ होनी चाहिए और उसमें बलिदान देने की भावना होनी चाहिए। लेकिन आम आदमी पार्टी में ऐसा कुछ नहीं दिखा।”

उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल ने हमेशा “साफ राजनीति” की बात की, लेकिन शराब घोटाले और पैसों के भ्रष्टाचार में उनका नाम आने के बाद जनता का भरोसा टूट गया। इसी कारण आम आदमी पार्टी चुनाव में बुरी तरह हार गई।

अन्ना हजारे ने यह भी कहा कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप आम बात है, लेकिन एक सच्चे नेता को निर्दोष होना चाहिए। अगर कोई गलत नहीं है तो सच्चाई एक दिन सामने आ ही जाती है।

AAP से दूरी बनाए रखने की वजह बताई

अन्ना हजारे ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने बहुत पहले ही आम आदमी पार्टी से दूरी बना ली थी। जब पहली बार बैठक हुई थी, तब उन्होंने तय कर लिया था कि वे इस पार्टी का हिस्सा नहीं बनेंगे। उनका कहना था कि राजनीति में लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी चाहिए, लेकिन किसी लालच के बिना

उनका कहना था कि केजरीवाल ने यह बात नहीं समझी और यही वजह रही कि वे “डूब गए”

दिल्ली चुनाव के नतीजे: BJP को भारी बढ़त

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी 2025 को आए और बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की। आम आदमी पार्टी ने इस बार बेहद खराब प्रदर्शन किया। शुरुआती रुझानों में ही साफ हो गया था कि AAP पिछड़ रही है और बीजेपी को बहुमत मिलने वाला है

चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 41 सीटों पर आगे थी, जबकि AAP केवल 29 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी। बहुमत के लिए कम से कम 36 सीटों की जरूरत होती है, और बीजेपी ने 40 से ज्यादा सीटें जीतकर दिल्ली में सरकार बनाने की स्थिति बना ली।

क्या ‘शराब घोटाला’ बना AAP की हार की सबसे बड़ी वजह?

दिल्ली की राजनीति में पिछले कुछ महीनों से शराब घोटाले की चर्चा जोरों पर थी। इस घोटाले में कई AAP नेताओं के नाम सामने आए और खुद अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया गया। विपक्ष ने इस मुद्दे को जमकर उठाया और जनता के बीच यह संदेश गया कि AAP की “ईमानदार” छवि अब धूमिल हो गई है

अन्ना हजारे का भी यही कहना था कि शराब घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोपों ने AAP को बर्बाद कर दिया

क्या यह AAP के अंत की शुरुआत है?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनावी हार AAP के लिए एक बड़े संकट की शुरुआत हो सकती है। जब AAP ने 2015 में दिल्ली में पहली बार प्रचंड बहुमत हासिल किया था, तब लोगों को लगा था कि यह पार्टी राजनीति में नया बदलाव लाएगी। लेकिन 2025 तक आते-आते हालात बदल चुके हैं।

AAP की इस हार का असर सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा। पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है और अगर पार्टी जल्द ही संभली नहीं तो वहां भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी के अंदर बढ़ते असंतोष को नहीं संभाल पाए, तो AAP धीरे-धीरे कमजोर हो सकती है और पार्टी के कई नेता बीजेपी या कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं

क्या केजरीवाल वापसी कर पाएंगे?

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या अरविंद केजरीवाल इस हार से सबक लेकर वापसी कर सकते हैं?

अगर वे चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी दोबारा खड़ी हो, तो उन्हें कुछ अहम कदम उठाने होंगे:

  1. पार्टी के पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं को फिर से साथ जोड़ना होगा
  2. भ्रष्टाचार के आरोपों का सही तरीके से जवाब देना होगा
  3. जनता का भरोसा जीतने के लिए ईमानदार राजनीति पर वापस लौटना होगा
Anna Hazare on Kejriwal: क्या AAP की उलटी गिनती शुरू हो गई है?

अन्ना हजारे के बयान ने यह साफ कर दिया कि AAP की हार सिर्फ एक चुनावी हार नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा संदेश है। दिल्ली की जनता ने यह दिखा दिया कि सिर्फ फ्री योजनाओं के भरोसे चुनाव नहीं जीते जा सकते

शराब घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोपों ने पार्टी की साख को गहरा नुकसान पहुंचाया है। अगर केजरीवाल इस हार से सबक नहीं लेते, तो आने वाले चुनावों में AAP की स्थिति और भी खराब हो सकती है

अब देखना यह होगा कि केजरीवाल इस हार को कबूल कर आत्ममंथन करते हैं या फिर इसे नजरअंदाज करके आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं

क्या आम आदमी पार्टी 2025 के बाद भी राजनीति में अपनी जगह बनाए रख पाएगी? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा!


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