राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में पहली दिवाली का उत्सव अभूतपूर्व और ऐतिहासिक रहा। अयोध्या का दीपोत्सव (Ayodhya’s Deepotsav) ने इस वर्ष एक नया इतिहास रच दिया। सरयू नदी के पावन तट पर जगमगाते असंख्य दीयों की रोशनी में पूरी रामनगरी स्वर्णिम आभा से नहा उठी, मानो स्वर्ग धरती पर उतर आया हो।
भव्य दीपोत्सव का आयोजन
अयोध्या का दीपोत्सव (Ayodhya’s Deepotsav) इस बार विशेष था क्योंकि यह रामलला के अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद की पहली दिवाली थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आयोजित इस महान उत्सव की तैयारियां कई महीनों से चल रही थीं। सरयू के 55 घाटों को विशेष रूप से सजाया गया था। स्थानीय कुम्हारों ने लाखों दीये बनाए, जिन्हें घाटों पर सजाने में हजारों स्वयंसेवकों ने दिन-रात मेहनत की।
विश्व कीर्तिमान का क्षण
जब सरयू तट पर 25 लाख 12 हजार 585 दीये एक साथ प्रज्वलित किए गए, तो वह दृश्य अलौकिक था। आसमान में चमकते तारों और धरती पर जगमगाते दीयों के बीच अंतर मिट गया था। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ यह कीर्तिमान पिछले वर्ष के 22 लाख दीयों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ गया। दीयों की व्यवस्था के लिए 28 लाख दीयों का इंतजाम किया गया था, ताकि किसी भी प्रकार की कमी न हो।
सामूहिक आरती का अनूठा प्रयास
इसी अवसर पर एक और विश्व कीर्तिमान स्थापित हुआ जब 1121 लोगों ने एक साथ सरयू तट पर भगवान राम की आरती की। यह दृश्य अत्यंत भव्य था, जब सैकड़ों लोग एक साथ आरती की थाली सजाए खड़े थे। आरती के मंत्रों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
राजतिलक और विशेष श्रृंगार
रामलला की पहली दिवाली समारोह (RamLalla’s First Diwali Celebration) में भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया। मंदिर के पुजारियों ने रामलला को पीतांबरी वस्त्र पहनाए, जो विशेष रेशमी कढ़ाई से सजे थे। उन्हें कई लड़ियों की मालाएं और विशेष आभूषण पहनाए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं राम मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की और प्रभु का राजतिलक किया।
पुष्पक विमान का आगमन
समारोह का एक विशेष आकर्षण पुष्पक विमान से रामलला का आगमन था। कलाकारों ने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण का अभिनय करते हुए पुष्पक विमान से प्रवेश किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं प्रभु श्रीराम का रथ खींचा और उनका भव्य स्वागत किया। मार्ग में विभिन्न स्थानों पर कलाकारों ने रामायण के प्रसंगों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और लेजर शो
सरयू तट पर आयोजित विशेष लेजर शो और लाइट-साउंड शो ने हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस शो में रामायण की कथा को आधुनिक तकनीक से प्रस्तुत किया गया। लेजर बीम्स से बनी आकृतियों ने रामायण के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत कर दिया। साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
सुरक्षा व्यवस्था
इस भव्य आयोजन के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें लगातार निगरानी कर रही थीं। आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष पार्किंग व्यवस्था की गई थी और कई अस्थायी शौचालय बनाए गए थे।
जनभागीदारी और स्वयंसेवक
इस आयोजन में स्थानीय लोगों और स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही। हजारों स्वयंसेवकों ने दीये लगाने, तेल भरने और बाती लगाने में मदद की। स्थानीय लोगों ने अपने घरों को भी विशेष रूप से सजाया और अतिथियों का स्वागत किया। पूरे शहर में स्वच्छता अभियान चलाया गया और सड़कों को साफ-सुथरा रखा गया।