शेयर बाजार में पैसा लगाने के बड़े सपने दिखाकर ठगी करने वाले गिरोहों पर मुंबई पुलिस की नज़र टेढ़ी हो गई है। इन धोखेबाजों के चंगुल से बचने के लिए पुलिस ने लोगों के लिए कुछ खास हिदायतें जारी की हैं। पुलिस की तरफ से बताया जा रहा है कि मुंबई में शेयर बाज़ार से जुड़े साइबर अपराध में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है।
मुंबई पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ समय में उन्होंने ऐसे कई साइबर धोखाधड़ी गिरोहों का पर्दाफाश किया है जो शेयर और IPO के नाम पर लोगों को लाखों-करोड़ों का चूना लगाते थे। इस तरह के घोटालों के चक्कर में फंसकर कई लोग अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवा चुके हैं। हाल ही में, मुंबई पुलिस ने साइबर क्राइम से जुड़ी पीड़ितों की मदद से 8.3 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा की धनराशि बरामद कर धोखेबाज़ों को सलाखों के पीछे भेजा है।
लेकिन, पुलिस को लगातार ऐसे अपराधों की नई शिकायतें मिलती जा रही हैं, जिससे साफ है कि इन अपराधियों का मनोबल अभी टूटा नहीं है। मुंबई पुलिस के साइबर क्राइम विभाग की तरफ से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुवर्णा शिंदे ने एक वीडियो जारी कर लोगों को ऐसे जालसाजों से बचने के लिए चेताया है। सुवर्णा शिंदे का बताना है, “ये ठग सोशल मीडिया जैसे फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब वगैरह पर लोगों से दोस्ती करते हैं और फिर शेयर ट्रेडिंग में निवेश का लालच देकर फंसाते हैं। ये धोखेबाज़ अपने शिकार को शेयर मार्केट के बड़े मुनाफे के झूठे सपने दिखाते हैं। “
ये धोखाधड़ी करने वाले गिरोह बहुत शातिर हैं। सबसे पहले ये सोशल मीडिया पर लोगों से जुड़ते हैं। फिर, पीड़ितों को फ़ेसबुक या इंस्टाग्राम ग्रुप्स में जोड़ा जाता है। कई बार व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाए जाते हैं और वहां शेयर बाज़ार में निवेश के बारे में ‘फ्री कक्षाएं’ शुरू की जाती हैं। ज़ूम, व्हाट्सएप, गूगल मीट जैसे वीडियो ऐप के ज़रिए इन कक्षाओं में बड़े-बड़े जानकारों जैसी अंग्रेज़ी में बातें की जाती हैं। इससे लोग प्रभावित हो जाते हैं और इन जालसाज़ों को असली निवेश ‘गुरु’ समझने लगते हैं।
फिर पीड़ितों को अलग-अलग ट्रेडिंग एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है। जैसे ही कोई व्यक्ति अपना शुरूआती पैसा इस ऐप में डालता है, उसका सारा निवेश ब्लॉक कर दिया जाता है। फिर उस व्यक्ति को और पैसे लगाने के लिए बरगलाया जाता है। लोग पैसा वापस पाने की उम्मीद में लगातार अपना पैसा गंवाते चले जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा कोई धोखा हुआ है तो पुलिस से फौरन संपर्क करें। आप 1930 पर कॉल करके या cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।