केंद्रीय हज कमेटी ने हज 2024 के लिए नयी गाइडलाइन्स जारी की हैं, इसमें स्वास्थ्य से जुड़ा हलफनामा देना होगा अनिवार्य।
हज सभी मुसलमानों के जीवन का एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य है। इसे इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है। हर मुसलमान अपनी ज़िन्दगी में कम से कम एक बार हज यात्रा करना चाहता है, और भारत सरकार इस यात्रा को सुलभ बनाने के लिए लगातार काम करती है। नयी गाइडलाइन्स इसी प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
हज कमेटी ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए हज 2024 के लिए कुछ नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। इन नई गाइडलाइन्स के तहत, सभी हज यात्रियों को अब स्वास्थ्य से संबंधित एक विशेष हलफनामा देना अनिवार्य होगा। साथ ही, एक सरकारी अस्पताल के एलोपैथिक डॉक्टर द्वारा जारी किया गया मेडिकल सर्टिफिकेट भी जमा करना होगा। इस पहल का उद्देश्य उन दुर्घटनाओं को कम करना है जो कभी-कभी हज यात्रा के दौरान हो जाती हैं।
इसी वर्ष बड़ी संख्या में महिलाएं भी बिना ‘महरम’ (पुरुष साथी) के हज करने जा रही हैं। लगभग 45 फीसदी महिलाएं अकेले ही यह पवित्र यात्रा करेंगी। हज यात्रा करने के लिए कुल मिलाकर 3 से 3.5 लाख रुपये का खर्च आता है।
केंद्रीय हज कमेटी के अनुसार, इस साल महाराष्ट्र से 22 हजार से भी अधिक यात्री हज के लिए प्रस्थान करेंगे। भारत सरकार ने इस प्रक्रिया के पहले चरण में 81 हजार 800 रूपये का एक एडवांस शुल्क जमा करवाया है । इसके साथ ही शेष राशि, जो लगभग 1 लाख 70 हजार रुपये है, को 10 मार्च तक जमा कराना है। अधिकारियों ने यह भी बताया है कि सऊदी अरब में हज यात्रियों को सऊदी मुद्रा, रियाल, की आवश्यकता होगी, इसके बारे में विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी। हज के लिए पहली फ्लाइट कब जाएगी, इस बारे में अभी तक कोई स्पष्ट शेड्यूल जारी नहीं किया गया है।
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हज यात्रा के लिए जारी किए गए नए नियम इसे यात्रियों के लिए इसे और भी सुरक्षित और सुलभ बनाने पर केंद्रित हैं। इन बदलावों से यात्रियों को अपनी यात्रा सही ढंग से आयोजित करने में मदद मिलेगी।