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बिहार में ‘भ्रष्टाचार का पुल’ कितनी बार गिरा, सिस्टम पर उठे सवाल

बिहार में 'भ्रष्टाचार का पुल' कितनी बार गिरा, सिस्टम पर उठे सवाल

भ्रष्टाचार का पुल: बिहार में पुल गिरने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। इन घटनाओं से भवन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का खुलासा होता है। यह राज्य के सरकारी सिस्टम पर गंभीर सवाल उठाता है।

अररिया जिले का बकरा नदी पुल

अररिया जिले में बकरा नदी पर बना पुल गिर गया। यह पुल 12 करोड़ रुपये की लागत से बना था और इसका उद्घाटन भी नहीं हुआ था। यह घटना भ्रष्टाचार और खराब निर्माण गुणवत्ता की ओर इशारा करती है।

सुल्तानगंज का अगुवानी पुल

4 जून 2023 को सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी घाट पर निर्माणाधीन पुल के पिलर नंबर 10, 11 और 12 गिर गए थे। इस घटना ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया था और नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।

सारण का पुल

19 मार्च 2023 को सारण जिले में एक पुराना पुल गिर गया था। यह पुल अंग्रेजों के जमाने का था और बाढ़ के बाद जर्जर हो गया था। विभाग की लापरवाही के कारण यह पुल गिरा, लेकिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई थी।

दरभंगा और बिहटा के पुल

19 फरवरी 2023 को पटना के बिहटा और दरभंगा जिले के कुशेश्वर स्थान में पुल गिरने की घटनाएं हुईं। ओवरलोड ट्रक की वजह से दरभंगा में पुल गिरा था।

पूर्णिया और कटिहार के पुल

15 मई 2023 को पूर्णिया में एक पुल का बॉक्स ढलाई के दौरान गिर गया था। जुलाई 2022 में कटिहार में एक निर्माणाधीन पुल गिर गया था, जिससे 10 मजदूर घायल हो गए थे।

नालंदा का पुल

18 नवंबर 2022 को नालंदा जिले में एक निर्माणाधीन पुल गिर गया था। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। यह पुल भी घटिया निर्माण के कारण गिरा था।

सहरसा का पुल

9 जून 2022 को सहरसा में एक पुल गिर गया था, जिससे कई मजदूर घायल हो गए थे। बख्तियारपुर के कंडुमेर गांव में पुल गिरने से कई लोग मलबे में दब गए थे।

फतुहा का पुल

पटना के फतुहा में 20 मई 2022 को भारी बारिश के कारण एक पुल गिर गया था। यह पुल 1984 में बना था। 30 अप्रैल 2022 को भागलपुर-खगड़िया में भी एक सड़क पुल गिर गया था।

बिहार में पुल गिरने की घटनाओं से यह साफ होता है कि सरकारी सिस्टम में गड़बड़ियां हैं। भ्रष्टाचार और खराब निर्माण सामग्री का इस्तेमाल राज्य की बुनियादी ढांचे को कमजोर कर रहा है। यह जनता की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

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