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400 करोड़ के ‘महल’ में क्या है ख़ास? चंद्रबाबू ने जनता के लिए खोला जगन मोहन रेड्डी का ‘आलीशान महल’

400 करोड़ के ‘महल’ में क्या है ख़ास? चंद्रबाबू ने जनता के लिए खोला जगन मोहन रेड्डी का ‘आलीशान महल’

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के विशाखापत्तनम में स्थित आलीशान महल (रुशिकोंडा हिल पैलेस) के दरवाजे अब आम जनता के लिए खोल दिए गए हैं। यह महल 452 करोड़ रुपये की लागत से बना है। चंद्रबाबू नायडू की सरकार का आरोप है कि इस महल का निर्माण पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया है।

महल की भव्यता

इस महल में कुल सात लग्जरी इमारतें हैं, जिनमें से तीन विशेष रूप से आवासीय भवन हैं। इन भवनों में 12 बेडरूम हैं, जिनमें अटैच्ड लग्जरी बाथरूम हैं। हर बाथरूम का आकार लगभग 430 वर्ग फुट है और इसमें बाथटब सहित सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। महल में फर्निशिंग और साज-सज्जा पर करीब 33 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

निर्माण में अनियमितताएं

TDP विधायक गंता श्रीनिवास राव ने रविवार को महल का दौरा किया और एनडीए के प्रतिनिधिमंडल और मीडिया को इसकी भव्यता दिखाई। इस महल के निर्माण में कई अनियमितताएं पाई गईं, जिसमें पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन भी शामिल है। आरोप है कि जगन मोहन रेड्डी ने बिना किसी अनुमति के इस भवन का निर्माण करवाया था।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जगन मोहन रेड्डी ने इस महल का उद्घाटन किया था। उनकी योजना थी कि चुनाव के बाद इस महल में प्रवेश करेंगे, लेकिन चुनाव में हार के बाद वह ऐसा नहीं कर पाए। TDP के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश ने इस महल की तुलना इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन और जनार्दन रेड्डी के महलों से की है।

आरोप और विरोध

TDP नेताओं का आरोप है कि इस महल का निर्माण गोपनीयता से किया गया और ज्यादातर ठेके YSRCP समर्थकों को दिए गए। उन्होंने कहा कि रुशिकोंडा हिल्स में पर्यटन के लिए बने ग्रीन रिसॉर्ट्स को ध्वस्त करके यह महल बनाया गया, जिससे सरकार को सालाना 8 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

निष्कर्ष

महल के निर्माण में 95 करोड़ रुपये केवल जमीन को समतल करने में खर्च किए गए। इसे स्टार होटल, फिर सीएम कैंप ऑफिस और बाद में पर्यटन प्रोजेक्ट बताया गया। इस महल की भव्यता और इसके निर्माण में हुए अनियमितताओं को देखते हुए जनता में काफी चर्चा हो रही है।

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