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जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024: भाजपा की छठी लिस्ट में छिपा बड़ा संदेश

जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024: भाजपा की छठी लिस्ट में छिपा बड़ा संदेश
जम्मू-कश्मीर चुनाव: जम्मू-कश्मीर में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी छठी लिस्ट जारी करके सबको चौंका दिया है। इस लिस्ट में कुछ ऐसे नाम हैं जो बताते हैं कि पार्टी इस बार कश्मीर घाटी में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

भाजपा की नई चाल: मुस्लिम चेहरों को मौका

भाजपा ने इस बार अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने पांच मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर सबको हैरान कर दिया है। करनाह से मो. इदरीस, हंडवाड़ा से गुलाम मोहम्मद मीर, सोनावारी से अब्दुल रशीद खान, बांदीपोरा से नसीर अहमद लोन, और गुरेज से फकीर मोहम्मद खान को मौका दिया गया है। यह कदम दिखाता है कि भाजपा कश्मीर घाटी में अपनी छवि बदलना चाहती है और वहां के लोगों का भरोसा जीतना चाहती है।

जम्मू क्षेत्र में पुराने चेहरे

जहां कश्मीर में नए चेहरों को मौका दिया गया है, वहीं जम्मू क्षेत्र में पार्टी ने अपने पुराने और अनुभवी नेताओं पर भरोसा जताया है। ऊधमपुर पूर्व से आर एस पठानिया, कठुआ से डॉ. भरत भूषण, बिश्नाह से राजीव भगत, बाहु से विक्रम रंधावा, और मढ़ से सुरिंदर भगत को टिकट दिया गया है। इन नेताओं के पास इलाके की अच्छी समझ है और वे वहां के मुद्दों को अच्छी तरह जानते हैं।

अमित शाह का मास्टर प्लान

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के लिए भाजपा का संकल्प पत्र जारी किया। इसमें कई बड़े वादे किए गए हैं जो लोगों को लुभाने वाले हैं। अगर भाजपा की सरकार बनती है, तो हर घर की वरिष्ठ महिला को ‘मां सम्मान योजना’ के तहत 18,000 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को दो मुफ्त सिलेंडर भी मिलेंगे।

शिक्षा और किसानों पर फोकस

भाजपा ने शिक्षा और किसानों के मुद्दों को भी अपने एजेंडे में शामिल किया है। पार्टी ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आती है, तो सभी छात्राओं को हर साल 3,000 रुपये दिए जाएंगे ताकि उनकी पढ़ाई में पैसे की कमी बाधा न बने। किसानों के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया गया है। ‘किसान सम्मान निधि योजना’ के तहत अब हर साल 6,000 रुपये की जगह 10,000 रुपये दिए जाएंगे।

चुनावी तारीखें और तैयारियां

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए 90 सीटों पर तीन चरणों में वोटिंग होगी। पहला चरण 18 सितंबर को, दूसरा 25 सितंबर को, और तीसरा 1 अक्टूबर को होगा। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं।

इस चुनाव में भाजपा की रणनीति साफ दिख रही है। वह कश्मीर घाटी में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है और इसके लिए स्थानीय मुस्लिम चेहरों को आगे कर रही है। साथ ही, जम्मू क्षेत्र में अपने पुराने वोट बैंक को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है। अमित शाह के वादों से यह भी पता चलता है कि पार्टी महिलाओं, छात्रों और किसानों को लुभाने की कोशिश कर रही है।

यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत अहम है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है। इसके नतीजे न सिर्फ राज्य के भविष्य को तय करेंगे, बल्कि पूरे देश की राजनीति पर भी असर डालेंगे। अब देखना यह है कि भाजपा की यह नई रणनीति कितनी कामयाब होती है और क्या वह कश्मीर घाटी में अपनी जगह बना पाती है।

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