अमेरिका की दिग्गज निजी इक्विटी कंपनी ब्लैकस्टोन समूह अपने भारत प्रेम को नए आयाम देने जा रही है। पहले से ही भारत में 50 अरब डॉलर डाल चुकी ब्लैकस्टोन अगले कुछ वर्षों में 25 अरब डॉलर अतिरिक्त निवेश करना चाहती है। कंपनी की नजर खास तौर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर, डेटा सेंटर, और लॉजिस्टिक्स जैसे सेक्टर्स पर रहेगी।
ब्लैकस्टोन के अध्यक्ष व मुख्य परिचालन अधिकारी जोनाथन ग्रे के मुताबिक कंपनी लगातार अपना दायरा बढ़ा रही है। उन्होंने साफ किया कि मौजूदा निवेश में वृद्धि और नए निवेशों से कंपनी अपने प्राइवेट इक्विटी परिसंपत्तियों की वैल्यू बढ़ाने पर काम करेगी। भारत में सालाना करीब 2 अरब डॉलर ब्लैकस्टोन द्वारा निवेश किए जाएंगे।
ब्लैकस्टोन की इस महत्वाकांक्षी योजना से ना सिर्फ भारत में कंपनी का बड़ा विस्तार होगा, बल्कि कई अन्य बातों पर भी असर दिखेगा। ग्रे का कहना है कि ब्लैकस्टोन के पास दुनिया भर में निवेश के लिए 200 अरब डॉलर हैं – यह रकम भारत में विलय-अधिग्रहण (M&A) को रफ्तार देने और वाणिज्य मामलों के निपटारे की प्रक्रिया को सुगम बनाने में मदद कर सकती है। हालांकि, कंपनी ने संकेत दिया कि भारत में निजीकरण अभी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
ब्लैकस्टोन का यह निवेश भारत के लिए जोरदार सकारात्मक संदेश है। ना सिर्फ बड़े पैमाने पर निवेश आएगा, बल्कि ब्लैकस्टोन की तरफ से सुधारों पर जोर देने से कारोबार करने का माहौल बेहतर होने की उम्मीद है। भारत जैसे तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी निवेश और बेहतर व्यापारिक परिवेश बेहद जरूरी है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर, डेटा सेंटर, और लॉजिस्टिक्स के साथ, ब्लैकस्टोन होटल सेक्टर में भी दिलचस्पी रखता है। ग्रे को भारत के होटल सेक्टर में बड़ी संभावनाएं नज़र आतीं हैं। रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट या REITs को लेकर भी उन्होंने सरकार की तारीफ की है।