मुंबई के एक बिल्डर की शिकायत पर स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन ने बीएमसी कमिश्नर पर 50 हज़ार रुपये का जुर्माना ठोक दिया है। वजह जानकर आप भी कहेंगे, ये तो गलत हुआ!
मामला एलबीएस मार्ग, कुर्ला का है, जहां एक बिल्डर को BMC ने अंदरूनी सड़क इस्तेमाल करने से रोक दिया था। बिल्डर का कहना था कि उसने BMC से सारी मंजूरी ली थी, फिर भी उसे परेशान किया गया।
क्या था पूरा मामला?
बिल्डर गौरव गाडकरी को BMC ने एक गोदाम बनाने की परमिशन दी थी। गाडकरी ने निर्माण सामग्री लाने के लिए भारी गाड़ियों को अंदरूनी सड़क से ले जाने की इजाजत भी मांगी थी, जिसे पहले तो BMC ने दे दी, लेकिन बाद में यह कहकर रद्द कर दिया कि इससे सड़क पर ट्रैफिक जाम होगा।
बिल्डर ने लगाया ये आरोप
गाडकरी ने कहा कि BMC ने उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया और न ही कोई नोटिस दिया। सीधा-सीधा उनके काम पर रोक लगा दी, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ।
ह्यूमन राइट्स कमीशन का फैसला
कमीशन ने माना कि BMC ने नियमों का पालन नहीं किया और बिल्डर के मानवाधिकारों का हनन किया। इसलिए बीएमसी कमिश्नर पर 50 हज़ार का जुर्माना लगाया गया है और बिल्डर की गाड़ियों पर लगी रोक हटाने का आदेश दिया गया है।
यह फैसला आम आदमी के लिए एक अच्छी खबर है। इससे पता चलता है कि अगर कोई सरकारी अधिकारी आपके साथ गलत करता है, तो आप कानून की मदद ले सकते हैं। ह्यूमन राइट्स कमीशन जैसे संस्थान ऐसे मामलों में लोगों को इंसाफ दिलाने में मदद करते हैं।
कमीशन ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया है कि अगर स्थानीय लोगों की तरफ से बिल्डर को कोई परेशानी होती है, तो उसे सुरक्षा दी जाए।