मुंबई

कर्मचारियों का भला भूल गई यूनिवर्सिटी, बॉम्बे हाईकोर्ट ने लगाई फटकार!

बॉम्बे हाईकोर्ट
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने SNDT यूनिवर्सिटी को कर्मचारियों के पेंशन और एरियर्स का भुगतान तीन महीने के अंदर करने का आदेश दिया है। कोर्ट का कहना है कि यूनिवर्सिटी का काम कर्मचारियों की भलाई की कीमत पर नहीं चल सकता। दरअसल SNDT यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारी 7वें वेतन आयोग के अनुसार पेंशन और अन्य लाभ नहीं मिलने के कारण परेशान थे। ऐस में उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने लगाई फटकार 
जस्टिस नितिन जामदार और मिलिंद सथाये की बेंच ने कहा कि यूनिवर्सिटी को 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद ही फंड इकट्ठा करने की कोशिश करनी चाहिए थी, न कि अदालत में याचिका दायर होने के बाद।

यूनिवर्सिटी का तर्क
यूनिवर्सिटी का कहना था कि वो जून 2025 तक पर्याप्त फंड जुटा लेगी, जिसके बाद भुगतान शुरू कर देगी। लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया।

कोर्ट का आदेश 
कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को तीन महीने के अंदर तीन किस्तों में पेंशन और एरियर्स का भुगतान करने का आदेश दिया है। अगर यूनिवर्सिटी पहली किस्त का भुगतान करने में विफल रहती है, तो बाकी बकाया राशि छह महीने के अंदर देनी होगी।

ये फैसला कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये दर्शाता है कि अदालत कर्मचारियों के अधिकारों के प्रति सजग है और उनकी भलाई के लिए काम कर रही है।

SNDT यूनिवर्सिटी महाराष्ट्र पब्लिक यूनिवर्सिटीज एक्ट 2016 के तहत संचालित एक वैधानिक निकाय है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा और शैक्षणिक उत्कृष्टता के मानक को बनाए रखने के लिए शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भागीदारी जरूरी है।

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