आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। शनिवार सुबह नगर निगम के अधिकारियों ने YSR कांग्रेस पार्टी के निर्माणाधीन दफ्तर को ध्वस्त कर दिया। कहा जा रहा है कि यह निर्माण अवैध था।
क्या है मामला?
YSR कांग्रेस पार्टी के नेता जगन मोहन रेड्डी ने इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई और इसे ‘राजनीतिक बदले’ की कार्रवाई बताया। उन्होंने बुलडोजर से हुई तोड़फोड़ को तानाशाही करार दिया।
अवैध निर्माण का मुद्दा
जानकारी के मुताबिक, YSR कांग्रेस को अवैध तरीके से जमीन आवंटित की गई थी। तत्कालीन इंजीनियर-इन-चीफ सी नारायण रेड्डी ने इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन उनकी अनदेखी कर दी गई थी।
आपत्तियों के बावजूद निर्माण
विजयवाड़ा के सुप्रिंटेंडेंट इंजीनियर ने 31 जनवरी 2023 को एक पत्र लिखकर जमीन लीज पर देने की अनुमति मांगी थी। लेकिन इंजीनियर-इन-चीफ ने 2 फरवरी 2023 को जवाब देते हुए अनुमति देने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार वाटर बॉडीज/टैंकों/एफटीएल क्षेत्रों को संरक्षित किया जाना चाहिए। साथ ही, प्रस्तावित जमीन नहर के नजदीक थी, जहां पर आंध्र प्रदेश जल जमीन प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान बनाने की योजना थी।
सरकार की नजरअंदाजी
इन आपत्तियों के बावजूद, विशेष मुख्य सचिव साईं प्रसाद ने 16 फरवरी 2023 को आदेश जारी कर YSR कांग्रेस पार्टी दफ्तर के निर्माण के लिए जमीन आवंटित कर दी। यह जमीन गुंटूर जिले में स्थित थी। इसके पहले भी 2016 में वाईएसआरसीपी को गुंटूर के कोरिटेपाडु में जमीन दी गई थी।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
YSR कांग्रेस ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने पार्टी को उचित प्रक्रिया का पालन करने का आदेश दिया।
यह मामला केवल अवैध निर्माण का नहीं है, बल्कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का भी है। आगे देखना होगा कि इस मामले में क्या निर्णय होता है और किस तरह से यह सियासी जंग खत्म होती है।
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