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चांद के उस पार के राज़ खोलने निकला चीन! क्या मिलेगा एलियंस का सुराग?

चांद के उस पार के राज़ खोलने निकला चीन! क्या मिलेगा एलियंस का सुराग?

चांद को देखकर हम सब बड़े हुए हैं, उसका गोल चेहरा और उसपर के धब्बे हम सबको पहचान में आते हैं। लेकिन क्या आपको ये पता है कि चांद का एक पूरा हिस्सा ऐसा है, जो हम धरती वालों ने कभी देखा ही नहीं? इसी हिस्से के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए चीन ने एक खास अभियान छेड़ा है।

चांद अपनी जगह पर घूमते हुए पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस चक्कर में उसका एक ही हिस्सा हमेशा हमारी तरफ रहता है, इसी को ‘नियर साइड’ कहते हैं। जो हिस्सा पीछे की तरफ होता है, वो हमेशा हमसे छुपा रहता है, इसीलिए उसे ‘फार साइड’ या कई बार ‘डार्क साइड’ कहा जाता है। ऐसा नहीं है कि वहां अंधेरा रहता है, बस वो हिस्सा पृथ्वी वालों की नज़रों से हमेशा दूर रहता है।

चांद के दो अलग-अलग रूप चांद के ये दोनों हिस्से देखने में एकदम जुदा हैं। ‘नियर साइड’ पर जो बड़े-बड़े मैदान दिखते हैं, वो ‘फार साइड’ पर कम ही मिलते हैं। वहां तो ज़्यादातर गड्ढे ही गड्ढे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि चांद की शुरुआत में कोई बहुत बड़ी चीज़ उससे टकराई होगी, जिसकी वजह से दोनों तरफ का नज़ारा इतना अलग हो गया।

चीन का चांग’ई-6 मिशन: एक ऐतिहासिक कदम चीन ने जो मिशन भेजा है, उसका नाम चांग’ई-6 है। इसका लक्ष्य चांद के इसी छुपे हुए हिस्से से मिट्टी और पत्थर इकट्ठा करके पृथ्वी पर लाना है। अगर सब ठीक रहा, तो यह पहला मौका होगा जब चांद के ‘फार साइड’ के नमूने हमारी प्रयोगशालाओं में पहुंचेंगे। इन नमूनों को परखकर वैज्ञानिक चांद की उत्पत्ति और उसके बनने की पूरी कहानी को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।

क्या चांद और भी अनोखे रहस्य छुपाए है? चांद का ‘फार साइड’ हमारे लिए एक रहस्य की तरह है। कुछ लोगों को तो लगता है कि शायद वहां एलियंस के अड्डे भी हों! हालांकि यह थोड़ा काल्पनिक लगता है, लेकिन चीन का यह मिशन निश्चित रूप से इस छुपे हुए हिस्से के बारे में हमारी जानकारी को कई गुना बढ़ा देगा।

चांद के बारे में हमारी समझ अभी अधूरी है। चीन का यह मिशन चांद से जुड़ी कई पहेलियों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे ना सिर्फ चांद के बारे में बल्कि शायद पूरे सौरमंडल की उत्पत्ति के राज़ भी खुल सकते हैं।

चांग’ई-6 मिशन का लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास के एक विशाल गड्ढे में उतरेगा।

चांग’ई चीन के चंद्र मिशनों की श्रृंखला है, और इससे पहले भी चीन ‘फार साइड’ पर मिशन भेज चुका है।

चीन तेज़ी से अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बनता जा रहा है।

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