Ashtadhatu Statue: प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम में घटित एक अनोखी घटना ने सभी को हैरान कर दिया। आठ दिन पहले मंदिर से चोरी की गई अष्टधातु की मूर्ति (Ashtadhatu Statue) को चोर खुद माफीनामे के साथ वापस लौटा गया। मंदिर के पुजारी जब यह घटना देख कर भौचक्के रह गए, तो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया।
इस माफीनामे में चोर ने अपनी गलती स्वीकारते हुए कहा कि मूर्ति चोरी के बाद से उसे और उसके परिवार को अजीब-अजीब घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उसने मूर्ति वापस करने का निर्णय लिया।
चोरी की घटना और मूर्ति की वापसी
24 सितंबर को प्रयागराज से करीब 45 किलोमीटर दूर श्रृंगवेरपुर धाम के गऊ घाट आश्रम से राधा-कृष्ण की अष्टधातु की मूर्ति(Ashtadhatu Statue) चोरी हो गई थी। यह मूर्ति सैकड़ों साल पुरानी और बेशकीमती थी, जिसके चोरी होने से मंदिर के पुजारी फलाहारी महंत स्वामी जयराम दास महाराज ने तुरंत नवाबगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में भी लिया, लेकिन मूर्ति का कोई सुराग नहीं मिला।
मंगलवार की सुबह अचानक जब आश्रम के सामने सर्विस लेन पर एक व्यक्ति ने मूर्ति देखी, तो उसने महंत को इस बात की सूचना दी। पुजारी और पुलिस मौके पर पहुंचे और मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया। तब यह पता चला कि मूर्ति के साथ एक पत्र भी रखा हुआ था।
चोर का माफीनामा और उसकी वजह
पत्र में चोर ने लिखा था कि अज्ञानता में उसने मंदिर से अष्टधातु की मूर्ति चुरा ली थी। लेकिन मूर्ति चुराने के बाद से ही उसे लगातार डरावने सपने आ रहे थे और उसके बेटे की तबीयत भी खराब हो गई थी। यह सब होने के बाद उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। पत्र में उसने भगवान से माफी मांगते हुए लिखा कि उसने मूर्ति को बेचने का भी प्रयास किया था, जिसके लिए भी वह ईश्वर से क्षमा चाहता है। उसने पुजारी से अपील की कि मूर्ति को वापस मंदिर में स्थापित किया जाए और उसकी गलती को माफ कर दिया जाए।
इलाके में फैल गई चर्चा
इस पूरी घटना के बाद मंदिर में फिर से मूर्ति स्थापित कर दी गई है। यह मामला इलाके में एक बड़े चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोगों का मानना है कि यह भगवान राधा-कृष्ण का चमत्कार है, तो कुछ इसे एक चोर का हृदय परिवर्तन बता रहे हैं। पुलिस भी इस मामले में कोई बयान देने से बच रही है। पुलिस के अनुसार, मंदिर में चोरी की एफआईआर दर्ज है, और वे अभी भी चोर की तलाश में हैं।
हालांकि चोर ने मूर्ति लौटा दी है, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार करने और मामले को कानूनी रूप से निपटाने के प्रयास में है। चोर का माफीनामा और इस प्रकार का व्यवहार पुलिस के लिए एक दुर्लभ मामला बन गया है, और पूरे इलाके में यह घटना आश्चर्य और दिलचस्पी का कारण बनी हुई है।
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