आज, 10 अगस्त 2024 को, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन अपने जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं। ये दिन उनके लिए विशेष है क्योंकि ये उनके जीवन के एक महत्वपूर्ण अध्याय की याद दिलाता है। गौरतलब है कि पिछले साल, उन्हें 150 दिनों तक कथित जमीन घोटाले के चलते जेल में रहना पड़ा था। इस कठिन समय के बाद, हाई कोर्ट ने उन्हें राहत दी और वो पांच महीने के बाद जेल से बाहर आए थे।
अपने जन्मदिन के मौके पर, हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने अपने जेल के दिनों की यादें ताजा की और एक फोटो भी साझा किया जिसमें उनके हाथ पर कैदी का निशान साफ़ नजर आ रहा था। इस निशान को उन्होंने लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक बताया। उन्होंने लिखा, “आज अपने जन्मदिन के मौके पर बीते एक साल की यादें मेरे मन में हैं – ये कैदी का निशान जो जेल से रिहा होते वक्त मुझे लगाया गया था। ये निशान केवल मेरा नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र की चुनौतियों का प्रतीक है।”
संकल्प की शुरुआत
हेमंत सोरेन ने अपने जन्मदिन पर एक संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि अगर एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत और शिकायत के जेल में 150 दिनों तक रहना पड़ सकता है, तो आम आदिवासियों, दलितों, और शोषितों के साथ क्या हो सकता है, ये बताने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि वो हर शोषित, वंचित, दलित, पिछड़ा, आदिवासी और मूलवासी के अधिकारों के लिए लड़ेंगे। उनका कहना था, “मैं हर उस व्यक्ति और समुदाय के लिए आवाज उठाऊंगा जिसे दबाया गया है और जिसे न्याय से वंचित रखा गया है। हमें एकजुट होकर एक ऐसा समाज बनाना होगा जहां कानून सभी के लिए समान हो और सत्ता का दुरुपयोग न हो।”
हाई कोर्ट से राहत
जानकारी हो कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी 31 जनवरी को ईडी के द्वारा की गई थी, जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। लगभग पांच महीने जेल में बिताने के बाद, हाई कोर्ट ने 28 जून को उन्हें जमानत दी। इसके बाद, हेमंत सोरेन ने फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, ईडी ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की याचिका को खारिज कर दिया।
आज, हेमंत सोरेन का जन्मदिन एक नई ऊर्जा और संकल्प के साथ मनाया जा रहा है। उनके शब्द और संकल्प लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। इस दिन को उनके समर्थक और जनता एक नई उम्मीद के रूप में देख रहे हैं।
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